एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद मां से मिल पाए मासूम बच्चे

मानपुर क्षेत्र का रहने वाला है आदिवासी परिवार, बच्चों पर भी नहीं खाया तरस

इंदौर। महू तहसील के मानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत काली किराय निवासी एक आदिवासी परिवार की महिला को अपने ही बच्चों को पाने के लिए पहले पुलिस फिर बाद में तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़े। इसके बाद एसडीएम के प्रयासों व सख्ती से मां अपने बच्चों को पा सकी। दोनों ही बच्चे की उम्र 2 साल और 7 माह है।

यह कहानी है मानपुर के ग्राम पंचायत काली निवासी सुनीता की है। आदिवासी समाज की सुनीता का विवाह करीब 4 साल पहले पास गांव सुकलिया में के निवासी पप्पू के साथ हुआ था। सुनीता के दो बच्चे हैं पहला कार्तिक 2 साल का दूसरा तनिष्क 8 माह का।

सुनीता ने बताया कि उसका पति ड्राइवर हैं तथा घर से बाहर रहते हैं लेकिन जब भी आता है तो अत्यधिक शराब पीने के बाद मारपीट करता है उसकी अनुपस्थिति में सास व अन्य परिवार के सदस्य भी मारपीट करते थे। इस सब से परेशान सुनीता 2 माह पहले अपनी मां और भाई के पास रहने आ गई। सुनीता ने बताया कि उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने करीब डेढ़ माह पूर्व घर आकर उसके दोनों बच्चे छीन कर ले गए, बच्चे काफी छोटे हैं जबकि तनिष्क तो अभी मां का दूध ही पीता है इसका हवाला भी दिया लेकिन वे नहीं माने और अपने साथ ले जाए बार-बार बच्चों को वापस देने की मांग की।

सुनीता ने मानपुर थाने में इसकी शिकायत भी की लेकिन वहां से भी उसे कोई सहयोग नहीं मिला तो सुनीता ने महू एसडीएम कार्यालय में अपने बच्चे वापस दिलाने की गुहार लगाई।

सुनीता की मां नर्मदा बाई , 16 वर्षीय उसकी बहन अनीता व बुआ राजू भाई ने बताया कि पति व ससुराल पक्ष लोगों की मारपीट के बाद सुनीता अपने घर आ गई थी। हमने सुनीता के घर वालों से बात की बच्चे लौटाने को कहा मगर नहीं माने वे मासूम को भी दूध नहीं पीने दे रहे थे इसके बाद भी लगातार दबाव बनाए थे हम बच्चे नहीं देंगे तुम्हारी लड़की को छोड़ देंगे।

 

यह सब बातें एसडीएम महू को लगी तो उन्होंने तत्काल मानपुर पुलिस को आदेश दिए कि वे बच्चे व उनके परिजनों को लेकर कार्यालय उपस्थित हो दोनों बच्चों की स्थिति देखने के बाद एसडीएम अक्षत जैन ने इन बच्चों को उसकी मां सुनीता के सुपुर्द किया।

एसडीएम ने यह आदेश भी दिया कि सुसराल पक्ष के लोग अपने बच्चों से सुनीता के घर जाकर मिल सकते हैं लेकिन वापस नहीं ले जा सकते।

सुनीता ने बताया कि उसका पति पप्पू ने कहा है कि अगर वह वापस घर नहीं आई तो फिर छोड़ देगा और उसकी छोटी बहन से शादी कर लेगा हालांकि अभी दोनों बच्चे मां के पास हैं।

इस संबंध में एसडीएम अक्षत जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हमने दोनों बच्चे जो कि काफी छोटे हैं और बोल नहीं सकते इन्हीं को देखते हुए अपनी उनकी मां के पास रहने के आदेश दिए हैं।

आगामी आदेश बच्चे मां के पास ही रहेंगे इस प्रकार एसडीएम के हस्तक्षेप से दोनों बच्चे करीब डेढ़ माह बाद अपनी मां के पास पहुंचे।

First Published on: January 20, 2023 3:01 PM