किसान आंदोलन: इंदौर में हुआ प्रदर्शन, अडानी-अंबानी और मोदी का पुतला जलाया

प्रदर्शन स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार को किसान आंदोलन के आगे झुकना ही होगा। यह तीनों कृषि विधेयक ना केवल किसान विरोधी है बल्कि आम जनता, छोटे व्यापारी तथा मजदूरों गरीबों के भी विरोधी हैं ।तथा पूंजी पतियों के हितेषी हैं। इससे गरीबों और मजदूरों की रोटी संकट में पड़ जाएगी।

इंदौर। किसान संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने आज इंदौर में मुसाखेड़ी चौराहे पर करीब दो घंटे प्रदर्शन किया। इस दौरान कृषि कानूनों के विरोध में सभा की गई और अडानी अंबानी जैसे पूंजीपतियों तथा मोदी सरकार का पुतला दहन किया। आंदोलन इंदौर में सतत चलेगा। आज के आंदोलन में किसान संघर्ष समिति,अखिल भारतीय किसान सभा, एटक, सीटू ,एलजेडी तथा किसान खेत मजदूर संगठन के कार्यकर्ता शामिल हुए।

प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव ,अरुण चौहान, रूद्रपाल यादव, अजय यादव आदि ने किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता किसान विधेयक वापस लेने, बिजली बिल 2020 के विरोध में तथा दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन के नारे लिखी तख्तियां हाथों में लिए हुए थे तथा नारे लगा रहे थे।

प्रदर्शन स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार को किसान आंदोलन के आगे झुकना ही होगा। यह तीनों कृषि विधेयक ना केवल किसान विरोधी है बल्कि आम जनता, छोटे व्यापारी तथा मजदूरों गरीबों के भी विरोधी हैं और तथा पूंजीपतियों के हितेषी हैं। इससे गरीबों और मजदूरों की रोटी संकट में पड़ जाएगी।

अतः सभी को इन विधेयकों का विरोध करते हुए मोदी सरकार पर दबाव डालना चाहिए। सभा को कैलाश लिम्बोदिया, एसके दुबे, रामस्वरूप मंत्री, अरुण चौहान, अजित पवार, सोहनलाल शिंदे ,प्रमोद नामदेव, अजय यादव, रुद्रपाल यादव आदि ने संबोधित किया।

अनशन की समाप्ति पर मुकेश अंबानी और उद्योगपति अडानी तथा मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया। कॉरपोरेट समर्थक नीतियां वापस लेने की मांग की गई।

इन संगठनों के नेताओं ने इंदौर के व्यापारिक संगठनों से अपील की है कि वे देशव्यापी किसान आंदोलन के समर्थन में 8 दिसंबर को होने वाले आम हड़ताल का समर्थन करें तथा किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें।

First Published on: December 5, 2020 6:17 PM