VIDEO: सट्टा कारोबार में फंसे युवक ने फांसी लगाने से पहले की अपील, सुनाई अपने साथ हुई बेईमानी की कहानी

क्रिकेट के ऑनलाइन सट्टा कारोबार में इंदौर खासा बदनाम हो चुका है। यहां पिछले कुछ महीनों में करोड़ों रुपयों के सट्टे के मामले सामने आ चुके हैं। सट्टे की इस दलदल में फसे कई लोग खासकर नौजवान अपनी जान भी गंवा चुके हैं इसी कड़ी में सोमवार को एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

प्रतीकात्मक चित्र

इंदौर। क्रिकेट के ऑनलाइन सट्टा कारोबार में इंदौर खासा बदनाम हो चुका है। यहां पिछले कुछ महीनों में करोड़ों रुपयों के सट्टे के मामले सामने आ चुके हैं। सट्टे की इस दलदल में फंसे कई लोग खासकर नौजवान अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसी कड़ी में सोमवार को एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह कदम उठाने से पहले युवक ने एक वीडियो बनाकर अपने साथ सट्टा कारोबारियों के द्वारा बेईमानी किए जाने की बात कही है और अपने परिवार को उसका बकाया पैसा देने की अपील की है।

आत्महत्या करने वाले युवक का नाम सुनील कुशवाहा है। जो लसुड़िया थाना क्षेत्र में क्रिकेट का ऑनलाइन सट्टा संचालित करता था। इस काम में वह जिन लोगों के नीचे लाइन में काम करता था, उनसे उसे करीब दस लाख रुपये लेने थे। सुनील कई बार पैसे मांग चुका था, लेकिन जब पिछले दिनों उसने पैसे मांगे तो उसे बुलाकर उसके साथ मारपीट की गई।

सुनील ने अपने इस वीडियो में चंंदन महराज नाम के एक शख़्स का जिक्र किया है। सुनील ने बताया कि वह चंदन से दस लाख रुपये का लेनदार है। सुनील ने जब अपने पैसे  की मांग की तो उसे चंदन और उसके साथियों निक्की, छोटू खत्री ने जनता क्वार्टर के पास बुलाया और उससे मारपीट की।

सुनील ने आत्महत्या के पहले बनाए इस वीडियो में घटना का जिक्र किया है और इससे वह काफी दुखी भी नजर आ रहा है।

सुनील पहले भी चंदन से सट्टे में पांच लाख रुपये हार चुका है लेकिन खबरों की मानें तो उसने चंदन को लौटा दिये थे। सुनील, सब्जी बेचने का काम करता था।

सुनील के परिवार में उसकी पत्नी, मां और भाई है। आत्महत्या के बाद सुनील के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।

इंदौर में सट्टा कारोबार की जड़ें काफी गहरी हो चुकी हैं। शहर के अलावा यहां की महू तहसील का महू शहर भी सट्टा कोराबारियों का गढ़ बताया जाता है। जहां पिछले दिनों करोड़ों रुपयों का सट्टा पकड़ा गया था।

इस सट्टा व्यापार के तार कई बड़े शहरों के अलावा विदेशों तक से जुड़े थे। सटोरियों ने छोटे समय में बड़ा पैसा कमा लिया था। उन्होंने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के नाम पर खाते खोल रखे थे और करोड़ों का लेन-देन किया था।

First Published on: December 1, 2020 8:40 PM