कमलनाथ और दिग्विजय से अब नाराज़ हुए अखिलेश यादव, कहा सपा के साथ जैसा व्यवाहर होगा वैसा ही जवाब मिलेगा

अखिलेश ने कहा सपा से छह सीटों पर विचार करने का वादा किया गया था लेकिन जब कांग्रेस की लिस्ट आई तो कुछ भी नहीं मिला।

चुनाव होने को हैं और कांग्रेस की मुश्किलें धीरे-धीरे बढ़ रहीं हैं। केंद्र के स्तर पर साथ आए इंडिया गठबंधन के दल  प्रदेश में एक साथ नहीं हैं। यह बात कांग्रेस नेताओं ने समाजवादी पार्टी को समझाई और यह रवैया उन्हें पसंद नहीं आया। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने हमें बुलाकर हमारे नेताओं के सारे चुनावी आंकड़े देखे और हमारा प्रदर्शन देखकर छह सीटें देने का आश्वासन दिया लेकिन आखिर में जब लिस्ट आई तो इसमें समाजवादी पार्टी को कोई जगह नहीं दी गई।

मप्र में विधानसभा चुनावों में अब तक कांग्रेस लगातार मजबूत नजर आ रही थी और तमाम नकारात्मक खबरें भारतीय जनता पार्टी से सुनने को मिल रहीं थी। ऐसे में विपक्षी पार्टी के नेताओं को जीत साफ नजर आ रही थी लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। कांग्रेस खेमे से कई ऐसी खबरें आ रहीं हैं जिनसे नेता परेशान हो रहे हैं। टिकिट बटवारे को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय का आपसी मतभेद खूब खबरों में रहा। अब समाजवादी पार्टी के सबसे अहम नेता अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस पार्टी के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है।

अखिलेश यादव ने गुरूवार को सीतापुर में मीडिया से बात करते हुए कहा ‘अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर I.N.D.I.A. का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उनसे कभी मिलने नहीं जाते। समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा, वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा’। पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस की लिस्ट पर बात की और कहा कि कांग्रेस कह रही है कि मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी की कोई जमीन ही नहीं है। इस पर अखिलेश यादव ने कहा- इसका मतलब हम ही कंफ्यूज हो गए होंगे।

यहां अखिलेश ने कहा कि  ‘पूर्व में मध्यप्रदेश के जो मुख्यमंत्री (कमलनाथ) रहे और पूर्व में जो कई बार मुख्यमंत्री रहे (दिग्विजय सिंह) कांग्रेस नेताओं ने समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक बुलाई थी। जिसमें उनके पूछने पर हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी परफॉरमेंस रिपोर्ट दिखाई। किस समय पर सपा के कहां, कितने विधायक जीते? कभी एक जीते, कभी दो जीते.. कभी पांच जीते। और किस जगह हम नंबर दो पर रहे। हमारी पूरी चर्चा हुई।

उन्होंने रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को जगाया, पूरे आंकडे़ देखे और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे, लेकिन जब सीटें घोषित की गईं तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर I.N.D.I.A. का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उनसे कभी मिलने नहीं जाते। ना हम अपनी पार्टी की सूची कांग्रेस के लोगों को देते और ना ही कांग्रेस के लोगों का फोन उठाते।

अगर उन्होंने ये बात कही है कि गठबंधन नहीं हैं तो हम स्वीकार करते हैं कि गठबंधन नहीं हैं। गठबंधन उत्तर प्रदेश में केवल केन्द्र के लिए होगा तो उस समय विचार किया जाएगा और समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा, वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा।’

ज़ाहिर है कि कांग्रेस पार्टी को अब भाजपा, बसपा, आप और समाजवादी पार्टी से भी मुकाबला करना होगा। ज़ाहिर है कि ऐसे में पार्टी के लिए स्थिति ठीक नहीं होगी। इसके अलावा प्रदेश में पहले से ही टिकिट बटवारे को लेकर नेताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है। इसमें दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच मतभेद बताए जा रहे हैं। यह मामला दोनों नेताओं ने आपसी मौज मस्ती में सुलझाया तो लेकिन सार्वजनिक राजनीति में इसके कई तरह के मतलब निकाले जा रहे हैं।

First Published on: October 19, 2023 10:50 PM