अपहरण के बाद बच्चे की हत्या करने वाले मास्टमाइंड की पुलिस हिरासत में मौत

राहुल की तबियत पहले से भी खराब नजर आ रही थी। पत्रकार वार्ता के दौरान वह ठीक से खड़ा  नहीं हो पा रहा था। इसके बाद तीनों आरोपियों का जुलुस भी निकाला गया। इस दौरान पुलिस उसे ठीक से चलने के लिए कह रही थी लेकिन वह बार-बार झुक जा रहा था। 

पुलिस ने आरोपियों का जुलुस निकाला था इस दौरान हरे रंग की शर्ट में आरोपी राहुल विश्वकर्मा

जबलपुर। कारोबारी के तेरह वर्षीय बेटे का अपहरण कर उसकी हत्या करने वाले मास्टर माइंड राहुल विश्वकर्मा (30) की  पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। पुलिस ने इस मामले में राहुल और अन्य दो आरोपियों मलय राय (25) और करण जग्गी (24) को गिरफ्तार था। मृतक आरोपी राहुल उर्फ मोनू पिता राजेंद्र विश्वकर्मा  निवासी महराजपुर आधारताल की मौत जबलपुर मेडिकल कॉलेज में हुई है।

बताया जाता है कि मोनू की तबियत अचानक बिगड़ गई और उसे जबलपुर मेडिकल अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां उसकी इलाज के दौरान ही मौत हो गई।

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि आरोपी की मौत के मामले की जांच की जा रही है। राहुल विश्वकर्मा को बच्चे ने अपहृत बच्चे आदित्य ने पहचान लिया था जिसके बाद राहुल ने अपने साथियों के साथ उसे मारने का फैसला किया। उन्होंने बच्चे के हाथ-पैर बांधकर नहर में फेंक दिए।

मोनू की तबियत पहले से भी खराब नजर आ रही थी। पत्रकार वार्ता के दौरान वह ठीक से खड़ा  नहीं हो पा रहा था। इसके बाद तीनों आरोपियों का जुलुस भी निकाला गया। इस दौरान पुलिस उसे ठीक से चलने के लिए कह रही थी लेकिन वह बार-बार झुक जा रहा था।

पिछले दिनों 15 अक्टूबर को जबलपुर के धनवंतरि नगर क्षेत्र से आदित्य लांबा का उसके घर के पास से अपहरण कर लिया था। अपहरण के समय आदित्य नजदीकी दुकान से मैगी  लेने के लिए निकला था।

घटना के पंद्रह मिनट के बाद अपहरणकर्ताओं ने आदित्य की मां को फोन कर दो करोड़ रुपये फिरौती की मांगी की थी। इसके बाद उन्होंने परिवार से करीब 8 लाख रुपए भी फिरौती के तौर पर लिए थे।

पत्रकार वार्ता में पुलिस ने बताया कि करीब एक महीने पहले  राहुल एवं मलय ने  कोई काम काज नहीं होने और  पैसों की तंगी के कारण दोनों ने  किसी बडे आदमी के बच्चे को किडनैप करने का प्लान बनाया था और इसके बाद लाम्बा परिवार के बेटे आदित्य को निशाना बनाया गया था।

First Published on: October 18, 2020 11:22 PM