अब मांगों को लेकर निजी स्कूल संचालक भूख हड़ताल पर बैठे, कहा मंत्री से लेकर डीईओ तक को बता चुके हैं समस्याएं

कलेक्टर कार्यालय के पास साक्षरता स्तंभ के सामने एसोसिएशन के सदस्यों,  स्कूल संचालकों ने शुक्रवार 22 अक्टूबर से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। पहले दिन भूख हड़ताल में कई विद्यालयों के संचालक और संचालक मंडल के सदस्य मौजूद रहे।

नरसिंहपुर। निजी स्कूलों की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रशासन और शासन का ध्यानाकर्षण करने के लिए मप्र प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन नरसिंहपुर जिला शाखा ने यहां मुख्यालय पर साक्षरता स्तंभ के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी।

कई महीनों से स्कूल एसोसिएशन के सदस्य विभिन्न समस्याओं के निराकरण और मांगों को लेकर शासन-प्रशासन से बात कर चुके हैं। इस दौरान कई बार ज्ञापन दिए गए।

मंत्री, कलेक्टर लेकर सीईओ और डीईओ तक को इन ज्ञापनों के साथ अपनी समस्याएं बताईं गईं लेकिन निराकरण नहीं हुआ। ऐसे में अब एसोसिएशन ने भूख हड़ताल का रास्ता चुना है।

कलेक्टर कार्यालय के पास साक्षरता स्तंभ के सामने एसोसिएशन के सदस्यों,  स्कूल संचालकों ने शुक्रवार 22 अक्टूबर से भूखहड़ताल शुरू कर दी है।पहले दिन भूख हड़ताल में कई विद्यालयों के संचालक और संचालक मंडल के सदस्य मौजूद रहे।

इनकी मांग है कि इन्हें आरटीई की राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही  संबंद्धता शुल्क मान्यता को लेकर राहत दी जाए। इस दौरान कोरोना काल में जब ज्यादातर कामकाज ठप हैं इसलिए बिजली बिल,  संपत्ति कर माफ किए जाए। इसके अलावा प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को भत्ता दिया जाए, बिना शर्त कक्षा से 12 तक की मान्यता वृद्धि की जाए।

 

यहां मौजूद स्कूल संचालकों ने  बताया कि

प्रशासन का हम बार-बार ध्यानाकर्षण करा चुके हैं। अब भूखहड़ताल करके हम एक बार फिर उनका ध्यान अपनी समस्याओं पर दिला रहे हैं।

अमितेन्द्र नारौलिया

 

कोरोना काल की वजह से कई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। हम आरटीई की राशि , मान्यता वृद्धि, संबद्धता शुल्क के सिलसिले में हम शासन प्रशासन  से कुछ राहत चाहते हैं।

तरूणेन्द्र सिंह ठाकुर

 

हम प्रशासन और शासन के समक्ष के पिछले 4-6 महीने से समस्याओं के निराकरण को लेकर बार-बार आंकलन कर चुके हैं, लेकिन समस्याएं जस की तस हैं। उनका निराकरण जरूरी है।

विकास नेमा

First Published on: October 23, 2020 11:41 AM