सागर यूनिवर्सिटी में छात्रा ने हिजाब पहनकर क्लास रूम में पढ़ी नमाज, हिंदू संगठनों ने कैंपस में किया हनुमान चालीसा पाठ

शुक्रवार दोपहर वह क्लासरूम के अंदर नमाज पढ़ रही थी तो किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय पहुंचे और विरोध करते हुए नारेबाजी की।

sagar university namaz row

सागर। मध्यप्रदेश में सागर के डॉ. हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में फाइनल ईयर की छात्रा का हिजाब पहनकर क्लास रूम में नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई है और नमाज विवाद ने तूल पकड़ लिया है।

मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच के लिए छह सदस्यीय समिति बनाई है जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।

जानकारी के मुताबिक, दमोह की छात्रा एजुकेशन डिपार्टमेंट से बीएससी बीएड कर रही है जो फाइनल ईयर में है। छात्रा हिजाब पहनकर विश्वविद्यालय आती है।

शुक्रवार दोपहर वह क्लासरूम के अंदर नमाज पढ़ रही थी तो किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय पहुंचे और विरोध करते हुए नारेबाजी की।

इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में बने शंकर मंदिर में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। विश्वविद्याल प्रशासन को शिकायत भी सौंपी गई है जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करे।

इस संबंध में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और रजिस्ट्रार संतोष सोहगौरा का कहना है कि मामला संज्ञान आने के बाद इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।

इसके साथ ही विश्वविद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को लेकर सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में पठन-पाठन के अलावा ऐसी कोई भी गतिविधियां न करें एवं न ही ऐसी गतिविधियों में भाग लें, जिससे विश्वविद्यालय में अनावश्यक साम्प्रदायिक तनाव का महौल निर्मित हो एवं पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो।

विश्‍वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सभी छात्र-छात्राएं जिस पाठ्यक्रम के लिए उन्होंने प्रवेश लिया है, उससे संबंधित पाठ्य पुस्तकें अपने संबंधित विभागों में पढ़ें तथा अन्य ज्ञानार्जन के लिए विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का उपयोग करें।

यदि कोई छात्र-छात्रा अपने धर्म से संबंधित अनुष्ठान आदि करना चाहता है तो वह अपने घर, निवास स्थान एवं धर्म स्थल में ही करे। इससे विश्वविद्यालय में शांति, सद्भाव, सौहार्द्र एवं अकादमिक वातावरण बना रहे।

इसके विपरीत यदि कोई भी छात्र-छात्रा इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है एवं विश्वविद्यालय द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

First Published on: March 26, 2022 5:17 PM