कांग्रेस के हाथ जोड़ो आंदोलन से पहले गौतम-बुंदेला ने दूसरी बार किया मंच साझा

एक जाजम पर आए नेता, कांग्रेस की जमीन तैयार करने का दावा, गणतंत्र दिवस से शुरू होगा कांग्रेस का हाथ जोड़ो आंदोलन।

balmukund gautam and bundela

धार। दो धड़ों में विधानसभा चुनाव लड़ते आ रही कांग्रेस को इस बार गुटबाजी से मुक्त रखने के लिए प्रदेश स्तर से कवायद चल रही है। जिला पंचायत चुनाव के बाद लेबड़ में हुई कांग्रेस की बैठक में इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला है।

अब दूसरा मौका शनिवार को सामने आया है, इसमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम और प्रदेश कांग्रेस सचिव कुलदीप सिंह बुंदेला ने धार के निजी गार्डन में हुई बैठक में मंच साझा किया।

यह मौका था हाथ जोड़ो आंदोलन की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक का। आगामी 26 जनवरी से हाथ जोड़ो आंदोलन कांग्रेस शुरू करने जा रही है।

इसके पहले कांग्रेस में नेताओं के मतभेद को दूर कर हाथ जोड़ने के लिए कवायद की जा रही है। यह कवायद बीते कुछ माह में एक दम से तेज हुई है। दरअसल हाथ जोड़ों आंदोलन नगर पालिका चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।

जनवरी-फरवरी में नगर पालिका चुनाव हो सकते है। इस बीच कांग्रेस एकमत होकर चुनाव लड़ने की कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसको लेकर निजी गार्डन में हुई प्रदेश प्रभारी कुलदीप इंदौरा की अध्यक्षता में एक बैठक शनिवार को हुई।

इस बैठक में कांग्रेस के विधायक प्रताप ग्रेवाल, पांचीलाल मेड़ा, हनी बघेल सहित जिलाध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम व प्रदेश सचिव कुलदीपसिंह बुंदेला की एक मंच पर मौजूदगी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने का काम किया है।

मंच से दोनों नेताओं ने आने वाले आंदोलन और चुनाव में कांग्रेस के लिए काम करते हुए प्रत्याशियों को विजयश्री दिलवाने की बात कही है। हालांकि यह देखना होगा कि यह दावा मैदानी स्तर पर साकार हो पाती है।

दोनों नेताओं ने बांट ली अपनी जमीन –

विधानसभा उपचुनाव के बाद से जिले में नए समीकरण देखने को मिले हैं। कांग्रेस के लिए उपचुनाव काफी फायदेमंद साबित हुए हैं। भले ही कांग्रेस उपचुनाव हार गई, लेकिन इसके बाद कांग्रेस की गुटबाजी खत्म हो गई।

इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि बदनावर में कांग्रेस से जिलाध्यक्ष गौतम अपनी नई जमीन तैयार कर रहे हैं और काफी सक्रिय भी हैं।

वहीं गौतम के बदनावर जाने से बुंदेला धार को अपना नया क्षेत्र मानकर विधानसभा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। बीते तीन विधानसभा चुनाव में दोनों नेताओं के टकराव के कारण भाजपा को फायदा होता आया है।

First Published on: December 25, 2022 10:24 AM