नई दिल्ली। कमज़ोर हो रही कांग्रेस को दोबारा जीवंत करने के लिए अक्सर लोग नेताओं को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह चलने की सलाह देते रहे हैं और लगता है कि इस बार पार्टी इंदिरा गांधी की राह पर चलने का मन बना चुकी है। उनके पोते और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना है। पार्टी इसे प्रमुख मुद्दा बनाना चाहती है। राहुल गांधी कांग्रेस कार्यालय से ही ईडी के दफ़्तर जाएंगे और हो सकता है कि वे पैदल ही वहां जाएं। एआईसीसी के सभी सदस्यों को इसके लिए सुबह साढ़े नौ बजे पार्टी कार्यालय बुलाया गया है।
कांग्रेस ने तय किया है कि जब राहुल गांधी ईडी के सामने पेश होने जाएंगे, उसी समय पार्टी कार्यकर्ता देशभर में ईडी दफ्तरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पार्टी इसे सत्याग्रह कह रही है। रविवार को पार्टी ने इसे लेकर सभी राज्यों में एक प्रेस वार्ता बुलाई। भोपाल में हुई प्रेस वार्ता में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पार्टी के इस कदम की इसकी जानकारी दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल पर साल 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है। इस मामले में अब तक कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है।
Watch: Shri @digvijaya_28 addresses the media in Madhya Pradesh. #BJP_Vendetta_Exposed https://t.co/jyKjlxmVkx
— Congress (@INCIndia) June 12, 2022
कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का यह दांव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ हुई उस घटना की याद दिलाता है जब उन्हें 1977 में जनता दल की सरकार बनते ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और गिरफ्तार करने के लिए कहा गया तब इंदिरा गांधी बिना हथकड़ी गिरफ़्तार होने के लिए तैयार नहीं थीं। इंदिरा ने तब तक अपनी गिरफ्तारी रोकी जब तक उनके गिरफ्तार होने की ख़बर हर ओर न फैल गई।
दुनियाभर की मीडिया का इंदिरा ने अपनी ओर ध्यान खींचा और साबित करने की कोशिश की कि मौजूदा सरकार बदले की राजनीति कर रही है। इस घटना ने इंदिरा गांधी और कांग्रेस के पक्ष में ज़बरदस्त माहौल बनाया। उनकी यह ज़िद तब की सरकार और अधिकारियों के लिए भारी पड़ गई थी।
अब राहुल गांधी भी ऐसा ही कदम उठाने जा रहे हैं। कई पत्रकार और राजनीतिक जानकार कांग्रेस और गांधी परिवार को पहले भी इंदिरा गांधी की तरह राजनीति करने की सलाह दे चुके हैं। इनमें वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई भी रहे हैं। हालांकि साल 2015 में भी इसी नेशनल हैराल्ड केस में कांग्रेस ने राहुल गांधी का बेल बॉन्ड नहीं भरा था तब भी इसे इंदिरा गांधी की तरह की राजनीति कहा गया था।
राहुल गांधी के इस ताज़ा मामले में कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज को चुप कराने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता देश भर में जांच एजेंसी के 25 कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। टैगोर ने कहा केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फर्जी मामले में फंसाने की साजिश रच रही है।
उन्होंने कहा कि ये कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति का हिस्सा है। देश भर में विपक्षी दलों के नेताओं पर छापे मारे जा रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस राजनीतिक प्रतिशोध के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार के खिलाफ विरोध करेगी।
कांग्रेस कार्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार राहुल गांधी की पेशी के दौरान पार्टी देशभर में गंभीर प्रदर्शन करेगी। इस दौरान दिल्ली में सबसे बड़े प्रदर्शन की तैयारी है। जिसके लिए पार्टी के सभी सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को 13 जून को दिल्ली में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। भारतीय युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और पार्टी से जुड़े अन्य संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी राहुल गांधी के समर्थन में मौजूद रहेंगे।