चुनावी साल में जनता का आक्रोश, सीधे मुख्यमंत्री को बना लिया बंधक

दोगड़ा अहीर गांव में लोगों से घिर गए सीएम खट्टर, स्थानीय समस्याओं के अलावा पहलवानों के प्रदर्शन से भी लोगों में भाजपा के खिलाफ नाराजगी

जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां सरकारों को खासाकर भाजपाई सरकारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चुनावी साल में ये सत्तारुढ़ नेता को किस कदर परेशान हो सकते हैं इसका सटीक उदाहरण हरियाणा में हो रही घटनाएं हैं। यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पिछले कुछ दिनों में जहां भी जा रहे हैं उन्हें विरोध झेलना पड़ रहा है।

हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार महेंद्रगढ़ जिले के दोगड़ा अहीर गांव में खट्टर के घर के बाहर बड़ी संख्या में जनता जुटी हुई है जिसे संभालने के लिए आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल तक को बुलाना पड़ा है। सड़कों पर झूठे लोग खट्टर के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। लोगों के पास खट्टर से नाराजगी के कई कारण हैं लेकिन सबसे अहम वजह सिहमा को टप्पा यानी उप तहसील का दर्जा अब तक ना दिया जाना है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इन दिनों सीएम जनसंवाद कार्यक्रम कर रहे हैं। शुक्रवार को खट्टर का महेंद्रगढ़ जिले में तीसरा दिन था वे इस इलाके में दौरा कर रहे हैं और जिले में जाकर अलग-अलग गांव में जाकर लोगों से मिल रहे हैं। शुक्रवार को खट्टर कई गांवों का दौरा करने का कार्यक्रम है।

जानकारी के मुताबिक दोगड़ा अहीर नाम के जिस गांव में खट्टर एक घर में रुके हुए थे रात को ही लोग वहां अपना विरोध जताने के लिए पहुंचने लगे थे। यहां लोग स्थानीय विधायक सीताराम का भी विरोध कर रहे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी पहुंचे थे।

लगातार भीड़ जुटने के बाद सुबह अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और फिर किसी तरह खट्टर बाहर निकल सके। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों के साथ मुलाकात की जहां ग्रामीणों ने उन्हें एक मांग पत्र सौंपा। हरियाणा के इस इलाके में पानी की खासी समस्या है। जिससे लोग परेशान थे। इसे लेकर खट्टर से बीते पांच सालों में लगातार मांग की जाती रही है।

मुख्यमंत्री का जनता के द्वारा इस तरह घेरा जाना बड़ी अचरज भरी बात है लेकिन इसका जवाब जनता और जनभावना में है। दरअसल दोगड़ा अहीर गांव से सबसे ज्यादा लोग सेना में शामिल हैं ऐसे में गांव के लोग अपनी समस्याओं के बारे में मुखर होकर बोलते हैं।

पिछले कुछ दिनों में कई बार ऐसा देखा गया है कि सीएम खट्टर लगातार जनता के साथ सीधे विवाद में उलझते दिखाई देते हैं। कुछ दिनों पहले सिरसा के एक गांव में एक महिला सरपंच ने उनके जनसंवाद कार्यक्रम में जाकर अपनी नाराजगी जताई और जब सीएम खट्टर ने उसे बार-बार टोका और कहा कि बहसबाजी मत करो, तो महिला ने अपना दुपट्टा उठाकर खट्टर के कदमों पर रख दिया। यह उनके जनसंवाद कार्यक्रम में विवाद का लगातार तीसरा दिन था।

सरपंच नैना झारोड़ की इस हरकत के बाद महिला अधिकारी और पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटा लिया। बाकी सब सरपंच को हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे महिला और पुरुष पहलवानों के प्रदर्शन के कारण भी मुख्यमंत्री खट्टर को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

इससे एक दिन पहले जिंद जिले में खटखटड टोल प्लाजा पर उंचाना विधानसभा में भी पहलवानों के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग जुटे। इस सभा में सत्यपाल मलिक और बजरंग पूनिया भी पहुंचे थे। यहां कड़ी गर्मी के बावजूद लोग पहुंच रहे थे। यहां आठ एकड़ में सभा की तैयारियां की गईं थीं।

हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार जेएस सिंधु कहते हैं कि उस तस्वीर को देखकर समझना मुश्किल नहीं था कि लोगों में नाराजगी किस हद तक है। वे कहते हैं कि सीएम खट्टर के खिलाफ लोगों का आक्रोष बेहद बढ़ चुका है।

सिंधु कहते हैं कि भाजपा ने हरियाणा में काफी रणनीतिक तौर पर चुनाव हुआ। यहां धार्मिक आधार पर नहीं बल्कि जातिगत और सामाजिक आधार पर एक खाई पैदा करने की कोशिश की गई थी। ऐसे में लोग अब इसे समझने लगे हैं और अपनी खाई को भरने की कोशिश कर रहे हैं और उसका असर सीधे तौर पर भाजपा के खिलाफ नजर आ रहा है।

सिंधु बताते हैं कि जेजेपी के दुष्यंत चौटाला के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा है क्योकि उन्हें भाजपा से लड़ने के लिए लोगों ने समर्थन दिया था लेकिन वे खुद भाजपा के हो गए हैं ऐसे में लोगों में एक धोखा खाने का रंज है जिसे वे जल्दी नहीं भूलेंगे।

सिंधु कहते हैं कि हरियाणा में जो हालिया और सबसे अहम विरोध देखने को मिल रहा है वह है पहलवानों के प्रदर्शन का। इस प्रदर्शन को सौ से ज्यादा खाप पंचायतों ने अपना सर्मथन दिया है और इससे जनभावना बन रही है जो सीएम खट्टर और भाजपा के खिलाफ काम कर रही है ऐसे में ज़ाहिर है इसका असर देर-सबेर जरूर देखने को मिलेगा।

First Published on: May 26, 2023 2:08 PM