हनुमान बेनीवाल ने लिखी अमित शाह को चिट्ठी, तीनों कृषि बिल वापस लें, वर्ना NDA में बने रहने पर कर सकते हैं पुनर्विचार

बेनीवाल ने अपने पत्र में  चेतावनी देते हुए लिखा है कि, यधपि आरएलपी एनडीए में एक घटक दल के रूप में शामिल है किन्तु अगर इस मामले में त्वरित कार्यवाही नहीं की गई तो किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। क्योंकि किसान और जवान ही आरएलपी की ताकत है। 

मोदी सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ जहां  एक ओर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के लाखों किसान दिल्ली को घेरे बैठे हैं और विपक्ष लगातर सरकार पर हमलावर है। वहीं अब आंदोलनरत किसानों के समर्थन में एनडीए सरकार में शामिल राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी (RLP) के राष्ट्रीय संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर कहा है कि, देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाये गए 3 बिलों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए।

बेनीवाल ने अपने पत्र में  चेतावनी देते हुए लिखा है कि, यधपि आरएलपी एनडीए में एक घटक दल के रूप में शामिल है किन्तु अगर इस मामले में त्वरित कार्यवाही नहीं की गई तो किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। क्योंकि किसान और जवान ही आरएलपी की ताकत है।

इतना ही नहीं हनुमान बेनीवाल ने यह तक कह दिया कि जहां भी जरुरत होगी हम किसानों के साथ हैं और जरुरत पड़ी तो दिल्ली भी कूच करेंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले एनडीए का एक और पुराना सहयोगी  अकाली दल ने भी किसानों के समर्थन और मांगों का समर्थन करते हुए मोदी और खट्टर सरकार की आलोचना की है। इन्ही तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ हरसिमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया था।

First Published on: December 1, 2020 2:47 AM