पीएम नरेंद्र मोदी ने जो वैक्सीन खुद लगवाई एमपी के सीएम शिवराज ने नहीं दिया उसका ऑर्डर

प्रदेश सरकार के मुताबिक वैक्सीन का ऑर्डर देने वाला एमपी पहला राज्य है लेकिन उप्र और दिल्ली भी वैक्सीन का ऑर्डर दे चुके हैं।

भोपाल। कोरोना संक्रमण को रोकने में ज़मीनी स्तर पर बुरी तरह पिछड़ती जा रही प्रदेश सरकार अब वैक्सीन पर पूरा ध्यान लगा रही है। शिवराज सरकार ने यहां अपनी जेब को देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन को तरजीह दी है।

मार्च के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का टीका लगवाया था। मोदी कैबिनेट के तमाम मंत्रियों ने इस वैक्सीन को काफी तारीफ़ की थी। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा के मुख्यमंत्री भी पीएम मोदी के नक्शेकदम पर चलकर इसी टीके का ऑर्डर देंगे। हालांकि एमपी में ऐसा नहीं हुआ।

18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग को मुफ्त वैक्सीन का वादा कर चुकी प्रदेश की शिवराज सरकार के मुताबिक उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर देने में सबसे तेज़ी दिखाई है। सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन की 45 लाख डोज खरीदने के लिए 180 करोड़ रुपये का पहला ऑर्डर दिया है। मध्यप्रदेश को ऐसा करने वाला पहला राज्य बताया जा रहा है और राज्य सरकार इसका प्रचार करने में जुट गई है।

हालांकि चंद दिनों पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया था। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सवा करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया है। उन्होंने भी दिल्ली वासियों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का ऐलान किया है।

प्रदेश में 3.40 करोड़ नागरिकों को वैक्सीन लगाई जानी है। सरकार ने जो ऑर्डर दिया है उसके हिसाब से सरकार को दोनों डोज़ की खरीदी के लिए प्रति व्यक्ति कुल आठ सौ रुपये खर्च करने होंगे।

सरकार को उम्मीद है कि वैक्सीन की पहली डिलेवरी अगले कुछ दिनों में हो जाएगी और मई की शुरुआत में टीकाकरण फिर तेज़ी पकड़ेगा।  हालांकि तय आबादी को टीकाकरण करने में सरकार को 2710 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।

पहला ऑर्डर कोवैक्सीन को लगाए जाने के पीछे सरकार की दलील है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत भारत बायोटेक कंपनी के टीके कोवैक्सीन की तुलना में कम है। मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार ऐसे में सरकार ने कोवैक्सीन के बजाय कोविशील्ड वैक्सीन को खरीदने का फैसला लिया है।

हालांकि भारत बायोटेक कंपनी वही कोवैक्सीन टीका बनाती है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगवाया था और वे इसका प्रचार करते नज़र आए थे। मोदी कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने इसी टीके पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया था और इसे पूरी तरह स्वदेशी और सुरक्षित बताया था।

हालांकि कोवैक्सीन नाम की इस पूर्ण स्वदेशी वैक्सीन का एक डोज राज्य सरकार के लिए 600 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों के लिए 1200 रुपये का होगा। ऐसे में यह वैक्सीन स्वदेशी होने के बावजूद राज्य सरकारों के बजट के लिहाज़ से काफी महंगी है।

First Published on: April 27, 2021 12:27 PM