किसान आंदोलन: राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा-किसान हिंदुस्तान है, हम सब किसान के साथ हैं, डटे रहिए।

राष्ट्रवाद कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने कहा कि किसान 13 दिन से ठंड से सिकुड़ रहे हैं और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। ऐसे में विपक्षी नेताओं का दायित्व था कि देश के सर्वोच्च नेतृत्व से मिलकर सरकार की असलियत से अवगत कराये और इसी वजह से आज यह राष्ट्रपति से मुलाकात की।

बुधवार को कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन देते हुए विपक्षी दलों के नेता

केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आज 15 वां दिन है। इस मुद्दे पर बुधवार, 9 दिसंबर को पांच विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपे।सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि, हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन प्रस्तुत किया। उसमें हमने कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापिस लेने की मांग की क्योंकि ये बहुत ही गैर-लोकतांत्रिक और बिना विचार-विमर्श के पारित कर दिए गए थे।

 

बता दें कि राष्ट्रपति से मिलने वाले नेताओं में कांग्रेस से राहुल गाँधी , सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, एनसीपी नेता शरद पवार , सीपीआई नेता डी राजा और डीएमके से एक नेता शामिल थे।

राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, कृषि कानून किसान विरोधी है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा। उन्होंने कहा कि, सरकार को गलतफहमी में नहीं होना चाहिए किसान समझौता नहीं करेगा। मैं किसानों से कह रहा हूं कि अगर आप आज नहीं खड़े हुए तो फिर आप कभी नहीं खड़े हो पाओगे और हम सब आपके साथ हैं आप बिलकुल घबराइए मत। आपको कोई पीछे नहीं हिला सकता आप हिदुस्तान हो।

राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति से कहा कि सरकार किसानों के हितों को कुचल रही है जिसके कारण किसान सड़कों पर है इसलिए किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए वह सरकार को इन तीनों कानूनों को वापस लेने का निर्देश दें। उन्होंने कहा “जिस तरह से यह तीनों विधेयक पारित हुए हैं, वह तरीका ही गलत था और इससे किसान का सरकार पर भरोसा टूटा है। ठंड में किसान धरने पर बैठे है और किसान विरोधी सरकार उनकी नहीं सुन रही है। जब तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है, वे सड़कों से हटेंगे नही।”

राष्ट्रवाद कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने कहा कि किसान 13 दिन से ठंड से सिकुड़ रहे हैं और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। ऐसे में विपक्षी नेताओं का दायित्व था कि देश के सर्वोच्च नेतृत्व से मिलकर सरकार की असलियत से अवगत कराये और इसी वजह से आज यह राष्ट्रपति से मुलाकात की।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा ने कहा कि सरकार जिस तरह से किसानों के साथ पेश आ रही है और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है, उसे देखते हुए विपक्ष के नेता शांत नहीं रह सकते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से इसी कारण मुलाकात करने का निर्णय लिया और राष्ट्रपति ने उनकी बात को ध्यान से सुना है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह किसानों के हित में उन तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को कहें। राष्ट्रपति से मिलने गए द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता टीकेएस इलांगोवन ने कहा कि किसान सरकार के रवैये से निराश होकर धरना पर बैठे हैं और इन तीनों कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा डीएमके प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा है।

 

First Published on: December 10, 2020 11:31 AM