VIDEO: नरसिंहपुर में धान खरीदी की सीमा कम तय किए जाने से नाराज किसानों ने किया चक्काजाम प्रदर्शन

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिला में धान खरीदी की सीमा नौ क्विंटल प्रति एकड़ तय किए जाने से नाराज व तंग किसानों ने बुधवार को धरना दिया और एक बार फिर शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचा।

narsinghpur farmers

नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिला में धान खरीदी की सीमा नौ क्विंटल प्रति एकड़ तय किए जाने से नाराज व तंग किसानों ने बुधवार को धरना दिया और एक बार फिर शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचा।

मध्यप्रदेश में नरसिंहपुर ही एकमात्र ऐसा जिला है जहां शिवराज सरकार ने धान खरीदी की सीमा नौ क्विंटल प्रति एकड़ तय की है जबकि प्रदेश के दूसरे जिलों मे 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की जा रही है।

क्षेत्र से राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी भी मध्यप्रदेश के कृषिमंत्री कमल पटेल को इस बारे में पत्र लिख चुके हैं। इतना ही नहीं वे उनसे मिलकर जिले मे धान की खरीदी 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ तय करने की मांग कर चुके हैं।

कलेक्टर वेद प्रकाश भी संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर यह समस्या संज्ञान मे ला चुके हैं कि जिले की धान की औसत उत्पादकता 44 क्विंटल से 54.80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। वहीं, असिंचित रकबे मे 40-42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों का संशोधित वास्तविक वर्तमान फसल कटाई, प्रयोग आधारित आंकड़े दर्ज कराते हुए किसानों को पुनः एसएमएस प्रेषित करें ताकि जिले में धान उपार्जन का कार्य सुचारू किया जा सके।

उनके पत्र लिखने के बावजूद प्रदेश कृषि महकमा एवं संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय अब तक समस्या का निदान नही कर सका है।

पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी नौ क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा से हो रही है। इसके कारण धान उत्पादक किसान अपनी शेष धान बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

इस कारण ही बुधवार को एक बार फिर किसानों का गुस्सा सड़क पर देखने को मिला। सालीचैका के ग्राम बसुरिया मे सहकारी समिति के सामने किसानों ने सड़क पर वाहन खड़े करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस धरना-प्रदर्शन की वजह से काफी देर तक आवागमन ठप्प हो गया। धरने पर बैठे सैकड़ों किसानों ने नाराजगी जताई।

इस दौरान किसानों ने यह भी बात उठाई कि धान की खरीदी बसुरिया केंद्र की जगह सालीचैका वेयरहाउस में की जा रही है। इस वजह से किसानों को मुश्किलें हो रही हैं।

भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने प्रदर्शन किया और शासन से मांग की कि किसान की पूरी उपज समर्थन मूल्य पर ली जाए।

सालों बाद खरीफ की फसल में धान की फसल थोड़ी राहत भरी उपजी है। उसे पर्याप्त मात्रा में नहीं खरीदकर किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

बता दें कि इसके पहले नरसिंहपुर, गोटेगांव में भी किसान ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अब तक किसानों को कोई राहत नहीं मिल पाई है।

First Published on: November 25, 2020 6:39 PM