द्वितीय श्रेणी अधिकारी कर रहे प्रथम श्रेणी डॉक्टर्स की मॉनिटरिंग, नाराज डॉक्टर्स करेंगे बेमुद्दत हड़ताल

समस्याओं और मांगों को लेकर जिले के शासकीय चिकित्सकों ने सांकेतिक धरना दिया। कल 17 फरवरी से ये नाराज डॉक्टर्स बेमुद्दत हड़ताल पर चले जाएंगे।

narsinghpur doctors strike

नरसिंहपुर। शासकीय चिकित्सकों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि द्वितीय श्रेणी अधिकारी प्रथम श्रेणी डॉक्टर्स की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कलेक्टर-एसपी की प्रशासन तत्काल सुनता है, लेकिन सीएचएमओ-सिविल सर्जन को तवज्जो नहीं दी जाती।

ऐसी कई समस्याओं और मांगों को लेकर यहां जिले के शासकीय चिकित्सकों ने सांकेतिक धरना दिया। कल 17 फरवरी से ये नाराज डॉक्टर्स बेमुद्दत हड़ताल पर चले जाएंगे।

पहले दिन सांकेतिक हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने मांगों के संबंध में कहा कि जहां पर प्रथम श्रेणी चिकित्सक पदस्थ हैं वहां द्वितीय श्रेणी अधिकारी डिप्टी कलेक्टर-एसडीएम से मॉनिटरिंग करवाई जाती है, यह बंद की जाए।

अन्य स्थान पर भी वरिष्ठता के आधार पर ही मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो जिस प्रकार एक चिकित्सक किसी राजस्व या तहसील ऑफिस का निरीक्षण नही कर सकता है वैसे ही व्यवस्था चिकित्सकीय विभागों में लागू की जाए।

सीएमएचओ, सिविल सर्जन एवं क्षेत्रीय संचालक के अधिकार बढ़ाए जाएं और स्थानीय व्यवस्था हेतु उनसे सलाह ली जाए।

जिस तरह से कलेक्टर, एडीएम आदि के पत्रों को शासन द्वारा गंभीरता से संज्ञान में लिया जाता है उसी प्रकार सीएमएचओ, सिविल सर्जन के पत्रों को मुख्यालय पर गंभीरता से लिया जाए तथा नियमानुसार कार्यवाही की जाए।

संचालनालय में विभागीय डायरेक्टर एवं उससे नीचे के समस्त पदों पर चिकित्सकों को पदस्थ किया जाए। संचालनालय में वरिष्ठ प्रशासनिक चिकित्सक अधिकारी जैसे एडी, जेडी को उनके पद, गरिमा व वरिष्ठता के अनुसार कार्य का आवंटन एवं अधिकार दिया जाए।

संचालनालय में एक डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी को एडी, जेडी से भी अधिक अधिकार देना बंद किया जाए। विभाग में वीआईपी कल्चर समाप्त कर नियमों के तहत पदस्थापना तथा अन्य कार्यवाही संपन्न की जाए।

सार्थक ऐप की तकनीकी त्रुटियों को सुधार कर स्वास्थ्य संचालनालय, मंत्रालय एवं शासन के समस्त विभागों में समस्त स्तर के अधिकारियों पर एक साथ लागू किया जाए।

इसके अलावा, एनएचएम एवं अन्य तरह से संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों को निश्चित समय की सेवा के पश्चात नियमित किया जाए और नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जाए।

चिकित्सकों के हित की रक्षा के लिए डीएसीपी और पुरानी पेंशन स्कीम तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। शासकीय चिकित्सकों को शासकीय समय के अतिरिक्त समय में स्वयं के निवास पर निजी प्रैक्टिस की अनुमति दी जाए।

First Published on: February 16, 2023 7:20 PM