करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज शर्मनाक, SKM ने की SDM को बर्खास्त करने की मांग

5 सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत

संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस विज्ञप्ति
275वां दिन, 28 अगस्त 2021

संयुक्त किसान मोर्चा आज करनाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हरियाणा के भाजपा-जजपा सरकार द्वारा की गई क्रूर हिंसा की कड़ी निंदा करता है। किसानों के खिलाफ यह हिंसा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जब मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के संदर्भ में स्थानीय किसानों द्वारा काले झंडे से विरोध किया जा रहा था। सरकार की क्रूर कार्रवाई और करनाल में तैनात पुलिस बल को प्रदर्शनकारियों के “सिर तोड़ने“ के लिए एसडीएम का आदेश पूरी तरह से अस्वीकार्य और असहनीय है और हमारे लोकतंत्र के लिए अपमान और शर्म की बात है।

पीएम मोदी जब जलियांवालाबाग वर्चुअल रैली कर रहे थे, वहीं करनाल में हुआ जलियांवालाबाग दोगुना शर्मनाक है। एसकेएम ने खट्टर-चौटाला सरकार को चेतावनी दी है कि किसान पीछे नहीं हटेंगे और वर्तमान ऐतिहासिक आंदोलन को जनविरोधी सरकार के इस बर्बर कृत्यों से दबाया नहीं जा सकता है। दमन के सरकार के प्रयास ही किसानों के संकल्प और शांतिपूर्ण आंदोलन को मजबूत करेंगे। आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज होगा।

 

एसकेएम ने हरियाणा के लोगों से हर जगह सड़क जाम करने का आह्वान किया है। एसकेएम ने एसडीएम आयुश सिंहा को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों के सिर तोड़ने का आदेश दिया था, जिसके सबूत के रूप में एक वीडियो वायरल हो चुका है।

दमनकारी पुलिस कार्रवाई के जवाब में राज्य में कई जगह विरोध हुआ जहां किसानों ने कुरुक्षेत्र, अंबाला, जींद, रेवाड़ी, नरवाना, फतेहाबाद, सिरसा, किटलाना टोल, गोहाना, रोहतक, भिवानी, केएमपी आदि जैसे कई स्थानों के अलावा उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर भी राजमार्ग जाम किया गया। यह रोड जाम अब भी विभिन्न स्थानों पर जारी है।

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एसकेएम अमृतसर में किसानों पर लाठीचार्ज की भी निंदा करता है, जहां किसान जलियांवाला बाग के आधुनिकीकरण के उद्घाटन में पीएम के आभासी भाषण का विरोध कर रहे थे। जलियांवालाबाग हत्याकांड स्थल पर जाने की चाह में हजारों युवा जमा हो गए थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। युवाओं ने इस आयोजन में शामिल होने के श्री नरेंद्र मोदी के नैतिक अधिकार का विरोध किया।

एसकेएम मोदी सरकार के 3 किसान विरोधी, कॉर्पोरेट समर्थक काले कानूनों के खिलाफ तमिलनाडु राज्य विधानमंडल द्वारा एक प्रस्ताव पारित करने का स्वागत करता है। कई राज्य सरकारों ने इन कानूनों का विरोध किया है, और किसान आंदोलन को अब तक विभिन्न तरीकों से अपना समर्थन दिया है।

एसकेएम भारत भर के सभी किसान संगठनों से 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत के लिए और अधिक लोगों को जुटाने के लिए ट्रेड यूनियनों, महिला संगठनों, छात्र और युवा संगठनों और अन्य प्रगतिशील नागरिक समूहों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित करने और 25 सितंबर को भारत बंद को एक बड़ी सफलता बनाने का अपील करता है।

जारीकर्ता –

बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव

संयुक्त किसान मोर्चा
ईमेल: samyuktkisanmorcha@gmail.com

First Published on: August 28, 2021 11:31 PM