मैं दिव्यांगता की मोहताज नहीं, अपना रास्ता ख़ुद बनाने निकली हूं…

सुमेधा कहती हैं कि उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा उनके पिता ने दी है

इंदौर। महू छावनी के आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट में पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित तीसरी जोनल शूटिंग प्रतियोगिता हो रही है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से दिव्यांग शूटर आए हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं बनारस की सुमेधा पाठक। जिन्होंने अपनी दिव्यांगता को नहीं बल्कि अपने हुनर को अपनी पहचान बना रही हैं। सुमेधा यहां दस मीटर पिस्टल  प्रतियोगिता में भाग लेने आई हैं।

सुमेधा ने अपने पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद अपना हौसला नहीं खोया और लगातार अपनी मेहनत और जोश के साथ एक नया मुकाम तय करती गईं। वे कहती हैं कि उन्हें शूटिंग में सबसे ज्यादा रुचि रही और इसीलिए इस खेल को उन्होंने अपना करियर बनाने की सोची। कहती हैं कि उनके पिता ने इसमें उनका सबसे ज्यादा साथ दिया। वे कहती हैं कि वे दिव्यांगता की मोहताज नहीं हैं और अपना रास्ता खुद बना रहीं हैं।

 

शूटिंग में सुमेधा की ख़ास रुचि रही है। उन्होंने इस हुनर को लगातार निखारा है। ऐसे में उनके पास कई गोल्ड सिल्वर मेडल हैं जो उन्होंने दुनिया के कई टूर्नामेंट्स में जीते हैं। सुमेधा ने फ्रांस में हुए वर्ल्ड कप टूर्नामेंट  में गोल्ड मैडल, कोरिया में हुए एक टूर्नामेंट में सिल्वर मैडल सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई टूर्नामेंट  में मैडल जीतकर  नाम कमाया है।

इस श्रेणी में सुमेधा भारत की दूसरे नंबर की निशानेबाज़ हैं। वे बताती हैं कि बीकॉम तक पढ़ाई करने के बाद सुमेधा ने अपना सारा ध्यान शूटिंग में ही रखा। सुमेधा ने देशगांव से चर्चा करते हुए कहा कि खेल चाहे कोई सा भी हो उससे जीवन का जो उत्साह बना रहता है वो सबसे अहम है। वे कहती हैं कि खेल से हर व्यक्ति को जुड़े रहना चाहिए। अपनी दिव्यांगता के बारे में सुमेधा कहती हैं कि उन्हें नहीं लगता कि वह दिव्यांग है पूरा ध्यान पढ़ाई और खेल पर रहता हैं।

सेना द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में देश भर से आए 119 दिव्यांग खिलाड़ी भाग ले रहे हैं जिसमें 9 साल से लेकर 65 साल तक के खिलाड़ी शामिल हैं। वे कहती हैं कि  दिव्यांगता कोई मजबूरी नहीं होती बल्कि इसे अपनी ताकत बनाना चाहिए जैसा उन्होंने और उनके परिवार ने बनाया है अगर आप अपनी दिव्यांगता को भूल कर अपना एक लक्ष्य तय कर काम करेंगे तो सफलता मिलना निश्चित है।

 

First Published on: December 13, 2022 7:18 PM