एमपी हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की उपलब्धता सुनिश्चित करें


इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र सरकार की जवाबदारी है कि हर राज्य को ऑक्सीजन बिना रुके मिल सके। 


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jabalpur high court

इंदौर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल अब खुलकर सामने आ चुका है। दबाव के आगे यह सेवाएं और अधिकारी ज्यादातर स्थानों पर घुटने टेक चुके हैं। ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलना अभी भी मुश्किल है। ऐसे में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। 

मप्र हाईकोर्ट में सोमवार 26 अप्रैल को  प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुनवाई हुई। यह सुनवाई प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर स्वतः संज्ञान लेकर की जा रही है।

इस मामले में कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से आवेदन दायर कर कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी से जबलपुर सहित शहडोल, ग्वालियर, इंदौर और प्रदेश के कई क्षेत्राें में अस्पताल में भर्ती मरीजों की मौत हो चुकी है। कोरोना की दूसरी लहर का पीक मई के पहले सप्ताह में आने की आशंका है। इसके लिए अभी से पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए।

सोमवार को चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डबल बेंच ने तीन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि केंद्र यह सुनिश्चित करे कि आगे से कोई भी किसी राज्य का ऑक्सीजन न रोक पाए।

इसके अलावा हाईकोर्ट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए भी आदेश दिए हैं। मामले में 28 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। जहां कोर्ट ने केंद्र व प्रदेश सरकार से 19 बिंदुओं में अब तक हुए पालन की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डबल बेंच ने पूछा कि पूर्व में जारी 19 बिंदुओं के दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं। पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने HC को जानकारी दी कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में एमपी के ऑक्सीजन रोकने के चलते सागर में एक मरीज की मौत हो गई।

इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र सरकार की जवाबदारी है कि हर राज्य को ऑक्सीजन बिना रुके मिल सके।

कोर्ट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए भी सरकार को निर्देशित किया है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया  कि कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

 



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