महू (इंदौर)। बदलती जरुरतों के साथ हमारी दुनिया भी काफी बदल रही है। अब दुनिया में सरल जीवन जैसी बातें करना भी कठिन है। महात्मा गांधी का कहना था कि प्रकृति के पास…
टीकमगढ़ और निवाड़ी में हुई बारिश, कई जिलों में होना है इसका असर
नर्मदा नदी पर शहरों की निर्भरता बढ़ रही है, वहीं नर्मदा के आसपास का इकोसिस्टम बिगड़ रहा है और आने वाले कुछ दशकों में इसकी स्थिति भयावह हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक स्तर पर 90% नेट ज़ीरो ग्रीनहाउस गैस एमिशन प्रतिज्ञाओं के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद भी अपेक्षित सफलता मिलना मुश्किल है।
मशरुम के माध्यम से बनने वाला यह उत्पाद थर्माकोल की ही तरह होता है, लेकिन पूरी तरह से बायोडीग्रेडबल होता है।
पर्यावरण दिवसः हर साल धार जिले में कटते हैं लाखों पेड़, लगाने के नाम पर होती है बस खानापूर्ति।