देश का ध्यान इतनी चतुराई के साथ पवित्र ‘सेंगोल’ अथवा ‘राजदंड’ विवाद में जोत दिया गया कि किसी ने पूछा ही नहीं कि नए संसद भवन में लोकसभा की सीटों की संख्या 543…
अजित पवार अगर अपने काका से कह सकते हैं कि वे अब मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो वे आगे चलकर किसी और बड़े पद की माँग मोदी से भी कर सकते हैं !
प्रो. संजय को एक बार पुनः माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अपने प्रोफेसर के रूप में पाकर वहां के छात्रों को भी प्रसन्नता होगी।
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर ओबामा ने पहली बार कुछ कहा हो ऐसा नहीं है। पद पर रहते हुए जब वे 2015 में जब वे भारत यात्रा पर आये थे तब…
जिस तरह के राजनीतिक हालात दिखाई पड़ रहे हैं उससे तो ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में क्षेत्रीय दलों की राजनीति तेज़ी से बिखरती जा रही है।
राजनीति का तमाशा, जन आशा को निराशा में बदलता दिखाई पड़ रहा है। जन जागरुकता से राजनीति की असत्यता का 'राम नाम सत्य' करने का समय आ गया है।