गंगा का जलस्तर बढ़ने से तैरने लगे रेत में दबे शव, नगर निगम की टीम करवा रही अंतिम संस्कार


प्रयागराज में आलम ये है कि जैसे-जैसे जल स्‍तर बढ़ रहा है, रेत के किनारे उखड़ रहे हैं और पानी में तैर रहे हैं।


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नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर कमज़ोर पड़ चुकी है लेकिन इसके निशान अब भी नज़र आ रहे हैं। मानसून की आंशिक शुरुआत हो चुकी है और इसके चलते नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है।

उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी के बढ़ते जलस्‍तर ने कुछ नई मुसीबत सामने ला दी है। जैसा की अंदेशा था यहां बीते महीनों के दौरान रेत में दफनाए गए शव अब बाहर आ रहे हैं। संदेह जताया जा रहा है कि ये ‘कब्रें’ कोरोना मरीजों की हैं।

प्रयागराज में आलम ये है कि जैसे-जैसे जल स्‍तर बढ़ रहा है, रेत के किनारे उखड़ रहे हैं और पानी में तैर रहे हैं। पिछले दो दिनों में स्‍थानीय पत्रकारों के द्वारा प्रयागराज के विभिन्‍न घाटों पर मोबाइल पर खींचे गए वीडियो/तस्‍वीरों में नगर निगम की टीम को शव बाहर निकालते  हुए देखा जा सकता है।

बुधवार को लिए गए फोटो में एक शव को नदी के किनारे पर देखा जा सकता है। भगवा रंग के कफन से बाहर आ रहे इस शव के हाथ में सफेद रंग का सर्जिकल ग्‍लव्‍ज भी नजर आ रहा है। शव को प्रयागराज म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन की टीम ने बाहर निकाला।

ए‍क अन्‍य घाट के वीडियो में दो लोगों को कफन से ढंका शव निकालकर उसे किनारे की रेत पर रखते हुए दिखाया गया है। प्रयागराज म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन के जोनल ऑफिसर नीरज सिंह ने मीडिया को बताया कि वे पिछले 24 घंटों में 40 शवों का अंतिम संस्‍कार करवा चुके हैं। उन्‍होंने बताया, ‘हम पूरे अनुष्‍ठानों और विधि-विधान से शवों का अंतिम संस्‍कार करवा रहे हैं।’

एक मृत व्‍यक्ति के शव के मुंह में ऑक्‍सीजन ट्यूब देखे जाने संबंधी सवाल पर उन्‍होंने माना कि ऐसा लगता है कि मौत के पहले यह शख्‍स बीमार होगा. उन्‍होंने कहा, ‘आप देख सकते हैं कि यह शख्‍स बीमार था और परिवार इस वयक्ति को यहां छोड़कर भाग गया होगा, संभवत: वे डर गए होंगे।’ सभी शव ‘डिकम्‍पोज’ नहीं हुए हैं, उन्‍होंने कहा कि कुछ शवों को स्थिति बताती है कि इन्‍हें हाल ही में दफनाया गया है।

प्रयागराज मेयर अभिलाषा गुप्‍ता नंदी, जिन्‍हें नदी के किनारे पर अंतिम संस्‍कार में मदद करते दिखाया गया था, ने मीडिया को बताया कि कई समुदायों में शवों को दफनाने की लंबी परंपरा रही है। जहां मिट्टी में शव डिकम्‍पोज (विघटित) हो जाते हैं, वह रेत में नहीं हो पाते। उन्‍होंने कहा, ‘हमें जहां भी शव मिल रहे हैं, हम उनका अंतिम संस्‍कार करवा रहे हैं।’

साभारः एनडीटीवी इंडिया



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