ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, केवल एक बार फोटो खिंचवाने जाना होगा आरटीओ


आवेदकों को सारी औपचारिकता ऑनलाइन करना होगी। केवल फोटो खिंचवाने और ट्रायल देने के लिए आरटीओ कार्यालय आना पड़ेगा। पिछले दिनों इंदौर आए परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ये बात कही।


आशीष यादव आशीष यादव
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धार। ड्राइविंग के लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन बनाने की व्यवस्था के बाद अब परिवहन विभाग ने स्थाई लाइसेंस भी ऑनलाइन बनाने की शुरुआत करने की तैयारी पूरी कर ली है।

आवेदकों को सारी औपचारिकता ऑनलाइन करना होगी। केवल फोटो खिंचवाने और ट्रायल देने के लिए आरटीओ कार्यालय आना पड़ेगा। पिछले दिनों इंदौर आए परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ये बात कही।

उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी ओर आरटीओ में डीएल भी शुरू हो गए हैं। करीब एक महीने पहले लर्निंग की व्यवस्था ऑनलाइन होने के बाद हजार से अधिक लाइसेंस बने थे। इसके तहत अब लर्निग के बाद पक्के लाइसेंस की व्यवस्था भी ऑनलाइन करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है।

प्रिंट कहीं से भी निकाला जा सकेगा :

उन्होंने बताया कि लर्निंग लाइसेंस की तरह पक्के लाइसेंस की प्रिंट में आवेदक कहीं से भी निकाल सकेगा, लेकिन इसके पहले की प्रक्रिया के तहत आवेदक घर से ही आवेदन प्रक्रिया कर सकेगा। आरटीओ में बाबू फोटो और दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे। इसके बाद उसका ट्रायल होगा। पास होने के बाद उसका लाइसेंस प्रिंट निकल जाएगा।

कार्ड पसंद का होगा विकल्प :

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पक्के लाइसेंस की प्रिंट निकलवाने के लिए आवेदकों के पास दो विकल्प रहेंगे। आवेदक प्लास्टिक कार्ड और पेपर प्रिंट जो चाहे अपनी पसंद के मुताबिक निकाल सकेगा।

इसके पहले दस्तावेजों की जांच में शंका हुई तो संबंधित बाबू आवेदन निरस्त कर सकते हैं। जैन ने कहा कि प्रदेश के 10 लाख लोगों के हर साल लाइसेंस बनाने का लक्ष्य रखा है।

लर्निंग में गड़बड़ी रोकने के लिए लगेंगे वैब कैमरे :

परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने कहा कि लर्निग लाइसेंस में गड़बड़ी को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो वे खुद को धोखा दे रहा है। हालांकि इस प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए वैब कैमरे लगाए जा रहे हैं। जल्द ही कैमरे लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। फिर भी गड़बड़ी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दलालों से मिलेगा छुटकारा :

बता दें कि सरकार की नीति-रीति परिवहन कार्यालय में चल रही दलाली का काम बंद करना है। आरटीओ में बाबू से लेकर साहब व कर्मचारियों तक के एवजी अपना काम करते हैं जिससे अब आवेदकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा व दलाली भी नहीं देनी पड़ेगी।

डीएल में हो रहे परेशान :

आवेदकों को लगातार आरटीओ के डबल चक्कर लगाना पड़ रहे हैं। वहीं बता दें कि एक बार आवेदन डालने के बाद फिर आवेदकों को पेपर अपलोड करने के लिए बोला जा रहा है जिससे आवेदक परेशान हो रहे हैं।

वहीं आवेदकों आरटीओ में चक्कर लगाने में डबल पेट्रोल की मार लग रही है। इस व्यवस्था को बंद करने के लिए परिवहन विभाग डॉक्यूमेंट अपलोड करने की व्यवस्था को सुधारना करना होगा।

आवेदकों को नहीं होना पड़ेगा परेशान :

डीएल को लेकर अब आवेदकों को बार-बार आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहीं अब लर्निंग की सुविधा से आवेदकों के लिए फायदा है। अगर किसी भी प्रकार की समस्याएं आ रही है तो हमसे बताएं। हम तुरंत निराकरण करेंगे। – मुकेश जैन, परिवहन आयुक्त, मध्य प्रदेश



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