मंत्री से नाराज़ सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता थामेंगे कांग्रेस का दामन!


युवा मोर्चा की मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां है चर्चा में, जिलाध्यक्ष की राय को भी नहीं मिली तरजीह


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसका एक उदाहरण महू में देखने को मिल रहा है। जहां युवा मोर्चा की नई नियुक्तियों के बाद कई कार्यकर्ता इतने निराश हो चुके हैं कि उन्होंने राहुल गांधी के सामने कांग्रेस में जाने का मन बना लिया है। ये होता है या नहीं ये बाद की बात है लेकिन फिलहाल यह नाराज़गी काफ़ी ज़्यादा है और आसानी से थमती नज़र नहीं आ रही है। यही वजह रही कि नेता जी यानी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष मनोज ठाकुर खुद भी इतने परेशान हो गए कि उन्होंने अपना फोन बंद करके इस बढ़ती नाराज़गी से खुद को दूर कर लिया।

बुधवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के महू नगर के पांच मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। युवा मोर्चा की यह नियुक्ति उनके कार्यालय या पार्टी के जिला कार्यालय की बजाए महू में भाजपा के कार्यालय से की गई है। मोर्चा के जो मंडल अध्यक्ष चुने गए हैं उन्हें लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।

जिन युवा नेताओं को चुना गया है उनमें महू मंडल से ऋषभ सोलंकी, महूगांव मंडल से क्रांति वर्मा, मानपुर मंडल से धर्मेंद्र चौधरी, सिमरोल मंडल से रोहित डाबी और कोदरिया मंडल से सुदर्शन चौहान को युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा नाराजगी महू मंडल के अध्यक्ष बनाए गए ऋषभ सोलंकी को लेकर है।

इस पद के लिए शुरुआत में चार नामों की चर्चा में थे। इनमें अंकित परदेसी का नाम सबसे उपर था। अंकित एक युवा वकील हैं और शहर की तमाम सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहते हैं। उनका चयन न होने की वजह उनका पूर्व विधायक कैलाश विजयवर्गीय से जुड़ाव बताया जा रहा है।

बताया जाता है कि विजयवर्गीय ने अंकित के कामकाज को देखते हुए उनका नाम आगे बढ़ाया था लेकिन निर्णय लेते समय अंकित का नाम सिरे से खारिज कर दिया गया। बताया जाता इस दौरान जिलाध्यक्ष की राय को भी तरजीह नहीं दी गई।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ अंकित परदेसी

इसके अलावा अक्षत शर्मा का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा था लेकिन उन्हें पहले ही जिले की कार्यकारिणी में शामिल कर लिया गया था।

सबसे ज्यादा चर्चा अंकित परदेसी के नाम की है क्योंकि उनके पीछे विजयवर्गीय गुट का सर्मथन बताया जाता है और यही वजह रही कि उन्हें हटा दिया गया। इस सबसे महत्वपूर्ण पद की नियुक्ति में जिला अध्यक्ष मनोज पटेल ठाकुर की सहमति भी नहीं बताई जाती है। दरअसल खुद ठाकुर भी कैलाश विजयवर्गीय के ही समर्थक माने जाते हैं।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ मनोज ठाकुर

इसे लेकर ठाकुर से जवाब मांगने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन बंद था। बताया जाता है कि नियुक्ति से निराश होकर उन्होंने अपना फोन बंद कर लिया था। इसके अलावा उनके पास नाराज़ कार्यकर्ताओं के भी फोन लगातार आ रहे थे।

मनोज ठाकुर की सहमति न होना भी काफी चर्चाओं में है जबकि होना यह चाहिए था कि इंदौर जिले के 16 मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति जिला कार्यालय में एक साथ होनी थी।

ऋषभ सोलंकी, युवा मोर्चा, महू

महू में केजी माहेश्वरी मंडल अध्यक्ष  ऋषभ सोलंकी को लेकर भी काफी है। सोलंकी पूर्व में इसी संगठन में मंत्री थे। खबरों की मानें तो उनके नाम को लेकर इसलिए विरोध हो रहा है क्योंकि उनके पास युवाओं की बड़ी टीम नहीं है।

वहीं उनकी नियुक्ति की वजह उनके पिता की जान पहचान बताई जाती है। दरअसल ऋषभ के पिता अनिल सोलंकी आरएसएस में काफी वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं और इस समय उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

usha-thakur
मंत्री, उषा ठाकुर

यह नियुक्तियां स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर की मर्ज़ी से हुईं बताई जा रहीं है। उनकी कार्यशैली से स्थानीय स्तर पर लोगों में खासी नाराजगी है। बताया जाता है कि पिछले दिनों स्थानीय प्रशासन ने भाजपा-कांग्रेस से जुड़े कई लोगों पर भी कार्रवाई की तैयारी कर ली थी। इनमें से ज्यादातर वे नेता थे जो भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के करीबी हैं और जिन्हें उषा ठाकुर ज्यादा पसंद नहीं करतीं।

मंत्री के इसी व्यवहार के कारण भाजपा के बहुत से कार्यकर्ता नाराज़ हैं और कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में ये कार्यकर्ता अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर करेंगे और पार्टी छोड़ देंगे। गुरुवार को तो नाराज़गी इस हद तक थी कि कई कार्यकर्ताओं ने खुलकर कहा कि वे अब भाजपा में रहना नहीं चाहते और कांग्रेस में जुड़ने जा रहे हैं।

कहा जा रहा है कि करीब पांच सौ कार्यकर्ता आने वाले दिनों में कांग्रेस से राहुल गांधी की मौजूदगी में जुड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी महू में आने वाले हैं।

इनमें से कोई कार्यकर्ता भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होता है या नहीं यह कहना फिलहाल मुश्किल है लेकिन यह मंत्री उषा ठाकुर के लिए महू विधानसभा के चुनाव में फिर से अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल नज़र आ रहा है।

 



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