केंद्र सरकार ने हादसों के बाद होने वाली सजा के मामले में कानूनी बदलाव किया है। इसमें ट्रक चालक को 10 साल की सजा सहित पांच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया है, ऐसे में ट्रक चालक इस कानून में संशोधन करने की मांग अब कर रहे है।
ज्ञापन देने के साथ ही ट्रकों का संचालन नए साल के पहले दिन 1 जनवरी से बंद कर दिया जाएगा, इसको लेकर जिलेभर के टक व्यापार से जुडे चालक, परिचालक सहित क्लीनरों को आंदोलन की जानकारी दी गई है।
शहर के कई ट्रक चालकों ने नया भाडा लेना बंद कर दिया हैं, साथ ही वाहनों के पहियों को रोकते हुए बाईपास पर ट्रकों को खडा भी कर दिया गया है।
इधर ट्रकों की हड़ताल का समर्थन बस ऐसोसिएशन द्वारा भी किया गया हैं, ऐसे में ऐसे में कल सुबह से धार शहर के बस स्टैंड पर लोगों को बस नहीं मिलने पर भी संशय बना हुआ है। क्योंकि इंदौर बस स्टैंड पर भी इसी प्रकार की स्थिति बनी हुई है।
हानेस्ट ड्राइवर एसोसिएशन समिति से जुड़े शाहिद खान ने बताया कि लोकसभा सत्र में नया कानून बनाया गया है। जिसमें ड्राइवर के द्वारा कही भी दुर्घटना होने पर 10 साल की सजा व 5 लाख रुपये जुर्माना का नियम लागू कर दिया हैं।
सरकार द्वारा अनुचित तरीके से चालकों के साथ अन्याय किया है। ड्राइवरों में इस कानून के खिलाफ भारी रोष और आक्रोश है। पिछले 77 सालों से भारतीय ड्राइवर को इंसाफ नहीं मिला और एक नया कानून बनाकर ड्राइवरों के साथ अन्याय किया जा रहा है। पहले से ड्राइवर पीड़ित दुखी लाचार शोषित और असहाय है।
पांच से दस हजार की सैलरी पाने वाला ड्राइवर एक दुर्घटना में 5 लाख रुपए का दण्ड कहां से जुटा पाएगा। ज्यादातर ड्राइवर किराए के घरों में रहते हैं। उनका अपना कुछ भी नहीं है। 10 साल की सजा का मतलब 10 साल उनके परिवार को नष्ट करने का एक तरीका है। ऐसे कानून बनाने से दुर्घटनाएँ नहीं रुकेंगी, दुर्घटनाएँ क्यों होती हैं इसकी जड़ तक जाने के लिए एक अध्ययन समिति नियुक्त करना आवश्यक है।
यूनियन ने दिया समर्थन
धार में हॉनेस्ट ड्राइवर एसोसिएशन समिति से जुडे पदाधिकारी रविवार दोपहर के समय बस यूनियन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बुंदेला, सचिव कैलाश तिवारी से मिले। यहां पर अपनी मांगों को लेकर चर्चा की, इसके बाद धार बस यूनियन द्वारा भी ट्रक चालकों की हड़ताल का समर्थन किया है। अध्यक्ष बुंदेला के अनुसार बसों को चलाने के लिए चालक ही नहीं होंगे तो संचालन करने में परेशानी आएगी, पहले चालकों की परेशानी को समझना चाहिए। ऐसे में ट्रक चालकों की इस हड़ताल का समर्थन किया गया है। इसके लिए बस ऑपरेटरों को भी सूचना दी जा रही है।
















