मप्र के 9 जिलों से गुजरेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा


भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। इस दौरान यात्रा 6.200 किमी की दूरी तय करेगी।


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राजनीति Published On :

कांग्रेस नेता राहुल गांधी  14 जनवरी से भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकलेंगें। यह यात्रा मप्र में करीब 9 जिलों से होकर गुजरेगी और सात दिन गुजारेगी। इस यात्रा में मप्र का 698 किमी का रूट तय किया गया है।  इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा भी मप्र के एक बड़े हिस्से से होकर गुजरी थी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर कांग्रेस की तैयारियां जारी हैं।  यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।

गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के अहम पदाधिकारियों की बैठक ली।  इस बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 जनवरी से शुरू होने वाली भारत न्याय यात्रा का नाम बदलकर भारत जोड़ो न्याय यात्रा होगा। जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने देशभर में जो संदेश दिया है, हम उसे इस यात्रा की मदद से आगे बढ़ाएंगे। राहुल जी इस यात्रा के दौरान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय पर अपने विचार जनता के सामने रखेंगे।

जयराम रमेश ने आगे कहा कि राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4000 किमी. लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई थी। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने पूरे देश का माहौल बदल दिया था और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी थी। ये यात्रा पार्टी और देश के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई।

जयराम रमेश ने गुरूवार की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में 2024 के चुनावों की तैयारी को लेकर भी सुझाव आए हैं और उस पर भी बातचीत हुई। यहां कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोग पार्टी के आंख-कान हैं। खड़गे ने कहा कि अब हमारे पास सिर्फ तीन महीने हैं, इसमें रात दिन एक करके हमें एक टीम की तरह पार्टी के लिए जी जान से जुटे रहना है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को आपसी मतभेद मीडिया में उठाने से बचने की सलाह दी।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। इस दौरान यात्रा 6.200 किमी की दूरी तय करेगी। इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल करीब चार हजार किमी का सफर तय कर चुके हैं और इस यात्रा को जनता का अच्छा सर्मथन भी मिला था। वहीं राहुल की लोकप्रियता भी इसके बाद काफी बढ़ी है।



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