मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारी तबादलों के लिए 1 मई से 30 दिनों की अवधि तय की


मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारी तबादलों के लिए 1-30 मई की अवधि तय की। चंबल में 3000 MW सोलर प्लांट व यूनिफाइड पेंशन योजना पर बड़े फैसले।


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भोपाल Published On :

मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए 1 मई से 30 मई तक की समयसीमा निर्धारित की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में नई तबादला नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत विभागों को अपने स्तर पर स्थानांतरण नीति बनाने की छूट होगी, लेकिन इसे लागू करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की अनुमति अनिवार्य होगी।

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सभी तबादले ई-ऑफिस के माध्यम से 30 मई तक पूरे किए जाएंगे। इसके बाद कोई भी स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। मंत्रियों और प्रभारी मंत्रियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर तबादला आदेश जारी करें।

स्वैच्छिक तबादलों को शामिल करने का निर्णय

सरकार ने स्वैच्छिक तबादलों को कुल स्थानांतरण प्रतिशत में शामिल करने का फैसला किया है, ताकि तबादलों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक न हो। यदि इन्हें अलग रखा जाता, तो कुल तबादला प्रतिशत बढ़ सकता था। इसलिए, इन्हें भी समग्र गणना में शामिल किया गया है।

चंबल क्षेत्र में 3000 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने की योजना

कैबिनेट ने चंबल क्षेत्र में 3000 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना को भी मंजूरी दी है। यह निर्णय मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बिजली आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस योजना के तहत 1000 मेगावाट की क्षमता वाला संयंत्र मध्य प्रदेश के लिए आरक्षित रहेगा, जबकि 2000 मेगावाट बिजली उत्तर प्रदेश को आपूर्ति की जाएगी। मानसून के दौरान एमपी में बिजली की मांग कम हो जाती है, जबकि यूपी में इसकी खपत बढ़ जाती है।

यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) के लिए समिति गठित

केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) के क्रियान्वयन के लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में अशोक बर्णवाल, मनीष रस्तोगी, लोकेश जाटव, तन्वी सुंद्रियाल, अजय कटेसरिया और जेके शर्मा शामिल हैं। समिति केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर कर्मचारियों के लिए एक वैकल्पिक पेंशन योजना का प्रस्ताव तैयार करेगी।



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