
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें दैनिक नवदुनिया और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख हिंदी अखबारों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने इन अखबारों पर भोपाल स्थित एक कॉलेज की छात्राओं से जुड़ी दुष्कर्म की घटना की कवरेज में “इस्लाम” और “मुस्लिम समुदाय” को सामूहिक रूप से दोषी ठहराने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
यह याचिका अधिवक्ता दीपक बुंदेले के माध्यम से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि समाचारों में ‘लव जिहाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर पूरे मुस्लिम समुदाय को आरोपी दर्शाने की कोशिश की गई है, जबकि यह घटना विशुद्ध रूप से एक आपराधिक कृत्य है और इसे कानून के तहत ही देखा जाना चाहिए।
संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन
याचिकाकर्ता का तर्क है कि इस प्रकार की रिपोर्टिंग संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), 15 (धर्म के आधार पर भेदभाव का निषेध), 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) का उल्लंघन करती है।
‘लव जिहाद’ शब्द का कोई कानूनी आधार नहीं
याचिका में कहा गया है कि ‘लव जिहाद’ शब्द की कोई कानूनी परिभाषा नहीं है और इसे मीडिया द्वारा किसी अपराध के सन्दर्भ में जोड़ना धर्म विशेष के प्रति घृणा और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देता है।
याचिका के अनुसार, एक शीर्षक “Kerala Story Pattern of Love Jihad…” ने इस्लाम को अपराध से जोड़ने का काम किया है, जो न केवल धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाता है बल्कि देश की एकता व अखंडता को भी प्रभावित करता है।
आरोप – “संपूर्ण मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराया गया”
याचिका में कहा गया है कि इन अखबारों की भाषा और शैली ने समूचे मुस्लिम समुदाय को अपराध में संलिप्त दिखाने की कोशिश की, जिससे सामाजिक ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो रही है।
कोर्ट से मांग
याचिका में मांग की गई है कि इन मीडिया संस्थानों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए, साथ ही मीडिया हाउसेज़ के लिए ऐसी भ्रामक व घृणास्पद रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, ताकि धर्म आधारित घृणा और गलत सूचनाओं का प्रचार रोका जा सके और देश में धर्मनिरपेक्षता की भावना मजबूत हो। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को प्रस्तावित है।