
जुलाई की शुरुआत में जिले में बारिश की झलक तो देखने को मिली, लेकिन अब भी कई क्षेत्रों में तेज़ और निरंतर बारिश का इंतजार बना हुआ है। अब तक लगभग 10 इंच (277 मिमी) वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर मानी जा रही है। इसके बावजूद नदी-तालाब खाली हैं और खरीफ फसलों, विशेषकर सोयाबीन के लिए भरपूर वर्षा की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
अब तक की बारिश ने तोड़े पुराने रिकॉर्ड
इस बार मानसून की शुरुआत ने पिछले एक दशक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। सामान्यत: जिले में सालाना औसत 30 इंच वर्षा होती है, जबकि मात्र जून में ही 10 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। बावजूद इसके कई इलाकों में जल संग्रहण नहीं हो सका है।
खेतों में पानी, लेकिन बुआई में रुकावट
खेतों में अत्यधिक नमी के चलते ट्रैक्टर और बोवनी यंत्र खेतों में प्रवेश नहीं कर पा रहे। कृषि विभाग के अनुसार 27 जून तक लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र में बुआई हो चुकी है, पर 10 प्रतिशत क्षेत्र अभी भी बचा हुआ है। जहां बुआई हो चुकी है, वहां किसान अब मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि खरपतवार नियंत्रण की प्रक्रिया शुरू हो सके।
क्षेत्रवार बारिश की स्थिति
बदनावर ब्लॉक में अब तक सबसे अधिक 15 इंच वर्षा दर्ज हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है। एक रात में ही यहां 4 इंच पानी गिरा।
निसरपुर ब्लॉक में अब तक केवल 3 इंच वर्षा हुई है, जो जिले में सबसे कम है। अन्य ब्लॉक जैसे मनावर, धार, नालछा, सरदारपुर, उमरबन और गंधवानी में 8 से 10 इंच वर्षा हो चुकी है।
आने वाले दिनों में स्थिति
मौसम वैज्ञानिक जीएस गठिया के अनुसार बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिमी मानसून के चलते जिले में 10 जुलाई तक हल्की से मध्यम वर्षा का सिलसिला जारी रह सकता है। इसके बाद बारिश की तीव्रता में कुछ गिरावट आने की संभावना है।
कृषि विभाग की सलाह
किसानों को सलाह दी गई है कि जब तक मौसम पूरी तरह साफ न हो, खेतों में प्रवेश से बचें। खरपतवार नियंत्रण हेतु रसायनों का छिड़काव तभी करें जब आसमान पूरी तरह खुल जाए, जिससे उसका असर बेहतर हो सके।