
“हमारी संस्था के पास एक एकड़ अनुपयोगी जमीन है, उस पर मैरिज गार्डन खोलना है…” धार जिले की महिला सहकारी समिति प्रबंधक रुचिका परमार की यह बात जैसे ही केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सुनी, उन्होंने तुरंत कहा— “जिला सहकारी बैंक से डिटेल लेकर आइए, हम लोन दिलवाएंगे।”
गुजरात के आणंद में सहकारिता मंत्रालय के चार साल पूरे होने पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर की प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इसी कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के धार जिले से रुचिका परमार समेत अन्य सहकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सहकारिता के क्षेत्र में नए प्रयोगों की जरूरत
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने PACS की भूमिका को सिर्फ खाद वितरण तक सीमित न रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि ये समितियां खुद की आमदनी बढ़ाने के लिए नए प्रयोग करें। चाहे वह मैरिज गार्डन हो, डेयरी हो, जनऔषधि केंद्र हो या मशीनें किराए पर देना।
धार की रुचिका ने रखी मिसाल
धार की नौगांव PACS की प्रबंधक रुचिका परमार ने बताया कि संस्था के 2508 सदस्य हैं और सालाना टर्नओवर लगभग ₹15 करोड़ है। इनमें से करीब ₹3 करोड़ का कारोबार खाद वितरण से होता है। उन्होंने कहा, “हमारे पास एक एकड़ जमीन बेकार पड़ी है। सोच रहे हैं कि यहां मैरिज गार्डन शुरू करें, जिससे संस्था को आय का नया स्रोत मिले।”
अमित शाह ने न केवल प्रस्ताव को सराहा, बल्कि लोन दिलवाने का भरोसा भी दिलाया।
सुदामा अछालिया की खेती में क्रांति
धार जिले के नालछा की किसान सुदामा अछालिया ने कहा कि ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग से खेती का मुनाफा 25% से बढ़कर 75% हो गया है। वह अब टमाटर, मक्का और सोयाबीन की आधुनिक तकनीक से खेती कर रही हैं। सुदामा ने मक्का बोने की हैंड मशीन के लिए सब्सिडी की मांग की, जिस पर अमित शाह ने कहा कि PACS अब मशीनें खरीदकर किसानों को किराए पर दे सकती हैं।
खरगोन में जनऔषधि केंद्र बना मिसाल
खरगोन जिले के PACS सदस्य वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनकी संस्था जनऔषधि केंद्र चला रही है, जहां 50% से 90% तक सस्ती दवाएं मिल रही हैं। छह महीने में ₹8 लाख की बिक्री हुई है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर भी अब उनकी दुकान से दवाएं लिख रहे हैं। शाह ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में पर्चे लगवाएं ताकि BP, शुगर जैसी सामान्य बीमारियों की दवाएं सस्ते में उपलब्ध होने की जानकारी लोगों तक पहुंचे।