झाड़ियों से निकला तेंदुआ: दो वनकर्मियों पर हमला, ग्रामीण की बहादुरी से बची जान


धार-अलीराजपुर सीमा पर बड़दली गांव में तेंदुए ने दो वनकर्मियों पर हमला किया। ग्रामीण ने पत्थर मारकर बचाई जान। वन विभाग अब लगाएगा पिंजरा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार जिले की सीमा से लगे अलीराजपुर जिले के सोंडवा विकासखंड में सोमवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक तेंदुआ झाड़ियों से निकलकर दो वनकर्मियों पर टूट पड़ा। घटना ग्राम बड़दली में हुई, जहां तेंदुए के हमले में वनपाल और बीट गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय ग्रामीण की बहादुरी से दोनों की जान बच सकी। वन विभाग अब तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाएगा।

 

बकरी के शिकार के बाद पहुंचे थे कर्मचारी

जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह तेंदुए ने ग्राम बड़दली में एक बकरी का शिकार किया था। घटना की जानकारी मिलने पर फुलमाल वन परिक्षेत्र के सहायक वनपाल जीवन प्रकाश मंडलोई और बीट गार्ड विपुल चौहान मौके पर पंचनामा बनाने पहुंचे। शाम करीब साढ़े चार बजे जब वे झाड़ियों के पास घटनास्थल का मुआयना कर रहे थे, तभी छिपा हुआ तेंदुआ अचानक बाहर आया और सीधे विपुल चौहान पर हमला कर दिया।

 

वनपाल को दबोचा, ग्रामीण ने पत्थर मारा

विपुल को बचाने के लिए जीवन मंडलोई आगे बढ़े और तेंदुए की ओर पत्थर फेंके। इस पर तेंदुआ पलटा और जीवन को पकड़ लिया। दोनों के बीच कुछ देर संघर्ष हुआ। पास ही खड़े ग्रामीण कविंद्र ने बहादुरी दिखाते हुए तेंदुए पर पत्थर मारा, जिससे तेंदुआ जीवन को छोड़ जंगल की ओर भाग गया। हालांकि, तेंदुआ हमले के प्रयास में कविंद्र पर भी लपका, लेकिन वह बच गया।

वनकर्मियों की हालत गंभीर, तीसरे की तबीयत भी बिगड़ी

ग्रामीणों की मदद से घायल वनकर्मियों को जिला अस्पताल लाया गया। दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद भर्ती किया गया है। उनके साथ आए वनकर्मी लोकेन्द्र सिंह कुशवाह की भी तबीयत बिगड़ गई। हमले की स्थिति और घायलों की हालत देखकर उनका बीपी बढ़ गया, उन्हें भी डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया।

 

वीडियो में कैद हुआ हमला

घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि तेंदुआ कैसे हमला करता है और अन्य ग्रामीण दूर खड़े तमाशा देख रहे हैं। यदि एक ग्रामीण ने साहस न दिखाया होता, तो यह हमला किसी की जान ले सकता था।

 

तेंदुओं की बढ़ती आमद बनी खतरा

पिछले कुछ महीनों में धार, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में तेंदुओं की गतिविधि में तेजी आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, जंगलों में अवैध कब्जों, अतिक्रमण और पेड़ कटाई के कारण वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास खत्म हो रहा है। सरकार द्वारा दिए जा रहे वन अधिकार पट्टों से इंसानी बस्तियां जंगलों तक पहुँच रही हैं, जिससे इंसान और वन्यप्राणियों के बीच टकराव बढ़ रहा है।



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