वन माफियाओं पर धार वन विभाग की कार्रवाई, अवैध आरा मशीन जब्त


धार जिले के धामनोद रेंज में वन विभाग ने अवैध लकड़ी कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की। खलघाट व गाजीपुरा से 40 क्विंटल लकड़ी और आरा मशीन जब्त।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

जिले के धामनोद रेंज में लंबे समय से चल रहे अवैध लकड़ी कारोबार पर आखिरकार वन विभाग ने शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग की टीम ने खलघाट और गाजीपुरा क्षेत्र में दबिश देकर आरोपी ताराचंद मधुकर के निजी बाड़े से अवैध आरा मशीन जब्त की। साथ ही मौके से करीब 40 क्विंटल पचमेल लकड़ी बरामद की गई, जिसकी कीमत 23,360 रुपये आंकी गई है।

वन मंडलाधिकारी धार विजयनंथन टी.आर. के निर्देश पर धामनोद वन परिक्षेत्र अधिकारी भुवनसिंह मंडलोई और उनकी टीम ने यह कार्रवाई की। बरामद सामग्री में मिनी आरा मशीन, मोटर और 20 इंच का कटर भी शामिल है। जब्त किए गए सभी सामान को धामनोद रेंज कार्यालय में सुरक्षित रखा गया है। मामले में भारतीय वन अधिनियम 1927 की विभिन्न धाराओं और मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

उड़नदस्ता टीम सिर्फ कागजों में सक्रिय

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिले में वन अपराध रोकने के लिए गठित उड़नदस्ता टीम अब केवल कागजों में सक्रिय नजर आती है। शुरुआत में कुछ कार्रवाइयां जरूर हुईं, लेकिन बाद में टीम का जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं दिखा। इससे माफियाओं के हौसले और बुलंद हो गए। सूत्रों का कहना है कि विभाग की अंदरूनी मिलीभगत के कारण कई बार कमजोर केस बनाए जाते हैं, जिससे बड़े कारोबारी बच निकलते हैं।

अवैध कारोबार पर सवालिया निशान

जानकार बताते हैं कि धामनोद और आसपास के इलाकों में ही नहीं, बल्कि धार और इंदौर जिले के कई हिस्सों में अवैध आरा मशीनों का संचालन जारी है। मनावर क्षेत्र में पहले भी लाखों रुपये की अवैध सागौन लकड़ी पकड़ी गई थी, लेकिन आरोपी तुरंत जमानत पर छूट गए। ऐसे मामलों से साफ है कि अवैध कारोबार पर विभाग की कार्रवाई अधूरी है और बड़े माफियाओं तक शिकंजा कसने में जिम्मेदार अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं।

जनता की मांग – बड़ी कार्रवाई हो

स्थानीय नागरिक और पर्यावरण प्रेमी अब जिले में बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन और विभाग सख्त कदम नहीं उठाएंगे, तब तक अवैध लकड़ी माफियाओं का नेटवर्क खत्म नहीं होगा। फिलहाल इस कार्रवाई से एक संदेश जरूर गया है, लेकिन यह तभी कारगर होगा जब विभाग लगातार दबिश दे और माफियाओं की जड़ तक पहुंचे।



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