सीएम शिवराज के 1600 करोड़ के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी नौ करोड़ किसानों को देंगे 18 हज़ार करोड़


यह राशि किसानों के खाते में 25 दिसंबर को जमा करवाई जाएगी। किसान आंदोलन के दौरान किसानों को दी जाने वाली यह राहतें और इनके लिए आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रम कृषि बिलों के पक्ष में किसानों की सकारात्मक राय बनाने की एक कोशिश है।  


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भोपाल। किसान आंदोलन के दौरान केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को मनाकर अपने और कृषि कानूनों के पक्ष में माहौल बनाने में भी जुटी हैं। फसल नुकसानी पर राज्य सरकार के द्वारा 35.50 लाख किसानों को 1600 करोड़ मिलने के बाद अब किसानों को एक और तोहफ़ा मिलने वाला है।

केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के दिन 25 दिसंबर को किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सातवीं किश्त जमा करवाएगी।

इसके तहत प्रदेश के किसानों के बैंक खाते में दो-दो हजार रुपये जमा होंगे। पीएम किसान सम्मान निधि की इस सातवीं किश्त 18 हजार करोड़ रुपये मध्य प्रदेश सहित देश के नौ करोड़ किसान परिवारों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को केंद्र सरकार द्वारा सालाना छह हजार और राज्य सरकार चार हजार रुपए देती है। 25 दिसंबर को  इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे किसानों को संबोधित करेंगे। मध्यप्रदेश में इस आयोजन की तैयारी की जिम्मेदारी एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि बीते 18 दिसंबर को शिवराज सरकार ने प्रदेश के 35 लाख से अधिक किसानों के खाते में 1600 करोड़ रुपये की राशि फसल राहत के नाम पर दी गई थी। इस दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से संवाद में कृषि बिलों के फायदे गिनाए थे और विपक्ष पर किसानों को भड़काने जैसे कई आरोप लगाए थे।

अब इस नए आयोजन की तैयारियां तेज़ हैं रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजन की तैयारियों को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक ली। इस दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिला अध्यक्षों से बात भी की गई। इस आयोजन के तहत प्रदेश कार्यालय और हर जिले में किसानों को आमंत्रित किया जाएगा।

पार्टी नेतृत्व ने सभी मंत्री, सांसद, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों को इस कार्यक्रम में शामिल होने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा किसानों को बुलाया जाएगा।

ज़ाहिर है किसान आंदोलन के दौरान किसानों को दी जाने वाली यह राहतें और इनके लिए आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रम कृषि बिलों के पक्ष में किसानों की सकारात्मक राय बनाने की एक कोशिश है।



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