20 हजार कर्मचारियों की सैलरी पर आधार की नजर, जून से बिना लिंकिंग नहीं मिलेगा वेतन


शासकीय कर्मचारियों के लिए समग्र आईडी और आधार लिंकिंग अनिवार्य कर दी गई है। अब तक 90% कर्मचारियों ने प्रक्रिया पूरी की है, बाकी के लिए जून माह की सैलरी पर रोक!


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

मध्यप्रदेश शासन ने शासकीय कर्मचारियों की वेतन प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) लागू की है। इस दिशा में वित्त विभाग ने सभी कर्मचारियों की प्रोफाइल को समग्र आईडी और आधार नंबर से जोड़ने का निर्देश दिया है। इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (IFMIS) पोर्टल के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है। धार जिले में यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है लेकिन जो कर्मचारी अब तक प्रक्रिया से बाहर हैं, उनके लिए जून माह की सैलरी पर रोक लग सकती है।

 

वेतन मिलेगा तभी जब लिंकिंग होगी पूरी

वित्त विभाग ने जिले के आहरण और संवितरण अधिकारियों (DDO) को निर्देश जारी कर स्पष्ट किया है कि जून माह का वेतन तभी जारी किया जाएगा जब यह प्रमाणित किया जाए कि सभी कर्मचारियों की प्रोफाइल आधार और समग्र आईडी से जुड़ चुकी है। यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी इस कार्य में लापरवाही बरतता है, तो वेतन भुगतान रोका जाएगा।

 

धार जिले में 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण

धार जिले में लगभग 20 हजार नियमित शासकीय कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से अब तक 18 हजार कर्मचारियों का डाटा समग्र और आधार से लिंक हो चुका है। यह जिले के कुल कर्मचारियों का करीब 90 प्रतिशत है। शेष बचे 2 हजार कर्मचारियों का कार्य भी एक से दो सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य है।

 

जिला कोषाधिकारी मानसिंह डामर ने जानकारी देते हुए बताया कि – “अभी केवल नियमित कर्मचारियों को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है। आगामी चरणों में संविदा कर्मचारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी समग्र-आधार लिंकिंग करनी होगी।”

 

किसे हो रही है परेशानी?

जिन कर्मचारियों की समग्र प्रोफाइल में नाम, जन्मतिथि या नियुक्ति तिथि में त्रुटियाँ हैं, उन्हें इस कार्य में परेशानी हो रही है। कुछ मामलों में आधार में जन्मतिथि अपडेट नहीं हो पा रही, तो कहीं दस्तावेजों में विसंगति सामने आ रही है। इससे सुधार में अतिरिक्त समय लग रहा है।

 

किन विभागों की स्थिति कमजोर?

हालांकि धार जिले की स्थिति प्रदेश में अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन कई विभाग ऐसे हैं जहाँ कार्य की रफ्तार धीमी है। इसमें पुलिस विभाग (एसपी ऑफिस), BEO कार्यालय, तहसील, जल संसाधन, वन, पीएचई, शासकीय कॉलेज, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, चिकित्सा शिक्षा, और परिवहन विभाग प्रमुख हैं। इन विभागों में कर्मचारियों की लापरवाही और अधिकारियों की सुस्ती से कार्य में बाधा आ रही है।

 

प्रदेश के अन्य जिलों में क्या स्थिति?

वित्त विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 15 जिलों में समग्र और आधार लिंकिंग का कार्य बेहद धीमी गति से हो रहा है। इसमें जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, रायसेन, भिंड, सिंगरौली, नरसिंहपुर, रीवा, हरदा, सीहोर, सीधी, कटनी, दतिया, राजगढ़ और भोपाल की विंध्याचल ट्रेजरी शामिल हैं।

 

वेतन प्रणाली में पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम

ध्यान देने योग्य बात यह है कि धार जिले में हर माह 125 करोड़ रुपये से अधिक का वेतन भुगतान IFMIS सिस्टम के माध्यम से सीधे बैंक खातों में किया जाता है। इस भुगतान को आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (ABPS) से जोड़ने का उद्देश्य है कि वेतन में पारदर्शिता बनी रहे और फर्जीवाड़ा रोका जा सके।

 

जून तक लिंकिंग नहीं हुई तो रुक सकती है सैलरी

वित्त विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जून माह तक सभी कर्मचारियों को समग्र पोर्टल पर अपनी समग्र आईडी को अपडेट कर आधार से लिंक कराना होगा। साथ ही जिस बैंक खाते में वेतन प्राप्त होता है, वह खाता भी आधार से जुड़ा होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो संबंधित कर्मचारी का वेतन रोका जा सकता है।

 



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