
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की आहट ने चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर मध्यप्रदेश के इंदौर में दो मरीजों की पुष्टि के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। इंदौर संभाग के तहत आने वाले धार जिले में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। भले ही अब तक यहां एक भी कोरोना का केस सामने नहीं आया हो, लेकिन एहतियातन सभी जरूरी इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं।
धार जिला अस्पताल में 20 बेड का एक अलग वार्ड तैयार किया गया है, जिसका उपयोग जरूरत पड़ने पर कोरोना मरीजों के लिए किया जाएगा। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मुकुंद बर्मन ने जानकारी दी कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आपात स्थिति में तत्काल उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं को किया जा रहा मजबूत
कोरोना महामारी की पिछली तीन लहरों में धार जिले में 314 लोगों की जान गई थी, जबकि 12,762 लोग संक्रमित हुए थे। हालांकि तीसरी लहर के बाद से जिले में स्थिति सामान्य बनी हुई है। बावजूद इसके, इस बार प्रशासन कोई ढील नहीं बरतना चाहता।
जिला अस्पताल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मेडिकल किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। यदि कोरोना का कोई मामला सामने आता है, तो तत्काल जांच और उपचार में कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि फिलहाल आरटीपीसीआर जांच सुविधा बंद है, लेकिन जरूरत पड़ने पर फिर से शुरू की जा सकती है।
शासन स्तर से नहीं आई गाइडलाइन
डॉ. बर्मन ने बताया कि कोरोना को लेकर अब तक शासन स्तर से कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। लेकिन स्थानीय स्तर पर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। अस्पताल में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और स्टाफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
जनता को सलाह: सावधानी बरतें, लेकिन घबराएं नहीं
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपील की गई है कि नागरिक अनावश्यक घबराहट से बचें और सतर्क रहें। मास्क का प्रयोग, हाथों की स्वच्छता और भीड़भाड़ से बचना जैसी आदतें अब भी उपयोगी हैं। कोरोना से मुकाबला अब अनुभव के साथ किया जा सकता है, बशर्ते लापरवाही न हो।