
धामनोद वन परिक्षेत्र के तीतीपूरा बीट से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां एक डेढ़ साल की मादा तेंदुआ मृत अवस्था में सड़क किनारे महुआ के पेड़ के नीचे पाई गई। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। प्रारंभिक जांच में उसकी मौत का कारण करंट लगना माना जा रहा है, परंतु पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए वन मंडल अधिकारी (DFO) अशोक कुमार सोलंकी, रेंजर और पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। मादा तेंदुए का पोस्टमार्टम कर उसका विधि विधान से अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
खेतों में करंटयुक्त तार बना वन्यजीवों का काल
वन विभाग की टीम ने तेंदुए के शव के पास बिजली के तार और करंट के निशान पाए हैं। इससे यह संदेह और गहराता है कि यह घटना किसानों द्वारा खेतों में अवैध रूप से लगाए गए करंटयुक्त तारों की वजह से हुई है। क्षेत्र में फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए कई बार किसान इस तरह के खतरनाक उपाय करते हैं, जो वन्यजीवों की जान पर भारी पड़ते हैं।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी धामनोद रेंज और आसपास के वन क्षेत्रों में तेंदुआ, सियार और अन्य जानवरों की करंट से मौत हो चुकी है। बावजूद इसके स्थिति में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है। खुले में छोड़े गए करंटयुक्त तार वन्यजीवों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।
वन विभाग ने दी सख्त चेतावनी
वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। DFO सोलंकी ने चेतावनी दी है कि खेतों में करंटयुक्त तार लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही किसानों से अपील की गई है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए कानूनी और सुरक्षित उपायों का ही इस्तेमाल करें।