
धार शहर के सबसे संवेदनशील प्रशासनिक ज़ोन – कलेक्ट्रेट के पास स्थित चाणक्यपुरी कॉलोनी के रहवासी पिछले सात सालों से एक पक्की सड़क का इंतज़ार कर रहे हैं। हालत यह है कि 2022 में 22 लाख रुपये की स्वीकृति के बावजूद अब तक सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हो पाया है। रहवासियों ने जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और नगर पालिका से लेकर जनप्रतिनिधियों तक बार-बार गुहार लगाई, लेकिन नतीजा आज भी शून्य है।
हर बारिश में सड़ता है सब्र, कीचड़ से निकलती है जिंदगी
चाणक्यपुरी कॉलोनी की सड़क बरसात में कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो जाती है। टू-व्हीलर से निकलना जोखिमभरा हो जाता है, जबकि चार पहिया वाहन अक्सर फंस जाते हैं। रहवासी राजेश यादव बताते हैं, “हर बारिश में हालत बदतर हो जाती है। शिकायत करते हैं तो हेल्पलाइन वाले बिना बात किए केस क्लोज कर देते हैं।”
यह कॉलोनी कलेक्ट्रेट जैसे उच्च प्रशासनिक क्षेत्र के बेहद पास स्थित है, इसके बावजूद यहां की मूलभूत सुविधाएं अब तक उपेक्षित हैं। कॉलोनीवासियों का कहना है कि दो दर्जन से अधिक बार जनसुनवाई और नगर पालिका कार्यालय में आवेदन दे चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती।
2022 में हुआ था ठेका, काम आज तक ठप
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 में नगर पालिका धार द्वारा इंदौर के एक ठेकेदार को निर्माण का ठेका दिया गया था। बावजूद इसके आज तक सड़क का एक टुकड़ा भी नहीं बना है। CMO कु. विश्वनाथ सिंह ने बताया, “निर्माण को लेकर टेंडर हो चुके हैं, लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ है। ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। यदि समयसीमा में काम नहीं होता, तो ठेका निरस्त कर दिया जाएगा।”
कार्रवाई सिर्फ कागज़ों में, ठेकेदार बेपरवाह
नगर पालिका के रिकॉर्ड के अनुसार ठेकेदार को दो बार सात-सात दिन के भीतर काम शुरू करने की चेतावनी दी गई थी। इसमें अमानत राशि ज़ब्त करने की बात भी शामिल थी, लेकिन न तो कोई ज़मीनी कार्रवाई हुई और न ही राशि ज़ब्त की गई। इससे साफ है कि ठेकेदार को प्रशासनिक कार्रवाई का कोई डर नहीं है।
इस लापरवाही से परेशान होकर स्थानीय लोगों ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर से भी लिखित शिकायत की है। लोगों को उम्मीद है कि जब स्थानीय प्रशासन नहीं सुन रहा, तो शायद दिल्ली से कोई आवाज़ निकले।