धारः नौ दिन में बनाए 63 हजार कार्ड, रात में भी लैपटॉप लेकर गांवों में घूम रहे हैं कर्मी


ग्राम पंचायतों में भी कर्मी पहुंचकर लोगों के कार्ड बना रहे हैं। कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करने हेतु जनजागरूकता रैली निकाली जा रही है। वर्तमान में हालात यह है कि शत प्रतिशत के लक्ष्य अभियान में अब कर्मी भी रात में भी गांवों में लेपटॉप लेकर लक्षित हितग्राही की जानकारी दस्तावेज अपडेट करते हुए नजर आ रहे हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

धार।  स्वास्थ्य, सुरक्षा से जुड़ी केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में लाभ देने के लिए चिह्नित लोगों की संख्या करीब 15 लाख के आंकड़े तक पहुंच गई है, लेकिन  इसकी तुलना में कार्डधारकों की संख्या काफी कम है। ऐसी स्थिति में अब धार कलेक्टर आलोक सिंह ने योजना को लेकर गंभीरता दिखाई है और योजना के क्रियान्वयन की कमान अपने हाथों में ली है।

इसके बाद से जिले में इस योजना में लक्षित हितग्राहियों तक शत प्रतिशत ‘कार्डलाभ’ देने के लिए तेजी से काम शुरू हो गया है। 2021 की शरुआत से ही आयुष्मान योजना को लेकर जिले में तेजी के साथ काम किया जा रहा है। हालात यह हैं कि अब एक-एक दिन में दो हजार से लेकर 16 हजार तक कार्ड बनाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लक्षित लोगों का आंकड़ा जिले की जनसंख्या का करीब 75 प्रतिशत है।

आलोक कुमार सिंह, धार कलेक्टर

जिले में लक्षित लक्ष्य की तुलना में योजना शुरू होने से अब तक करीब पांच लाख 32 हजार 668 लोगों के कार्ड ‘स्वीकृत’ कर दिए गए हैं। यह लक्ष्य की तुलना में करीब 35 प्रतिशत है। इस योजना में पूर्ण लक्ष्य हासिल करने के लिए कलेक्टर ने मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।

इसके तहत अब ग्राम पंचायतों में भी कर्मी पहुंचकर लोगों के कार्ड बना रहे हैं। कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करने हेतु जनजागरूकता रैली निकाली जा रही है। वर्तमान में हालात यह है कि शत प्रतिशत के लक्ष्य अभियान में अब कर्मी भी रात में भी गांवों में लैपटॉप लेकर लक्षित हितग्राही की जानकारी दस्तावेज अपडेट करते हुए नजर आ रहे हैं।

सेंटर बढ़ाए, गांवों तक भेजे कर्मी –

आयुष्मान भारत योजना में अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन ने लक्ष्य निर्धारण करते हुए जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इसे लेकर कलेक्टर आलोक सिंह लगातार स्वास्थ्य विभाग सहित योजना से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।

इसका असर यह रहा कि अब कॉमन सर्विस सेंटर पर लोगों को अपने नंबर आने का इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। अब कर्मी खुद हितग्राही तक पहुंच रहे हैं। पहले योजना के क्रियान्वयन में धीमी गति का मुख्य कारण सेंटरों की कमी थी। उस समय कॉमन सर्विस सेंटर और अस्पताल में ही कार्ड बनाए जा रहे थे। कलेक्टर ने सेंटर की संख्या में बढ़ोत्तरी की है। वहीं पंचायत से लेकर सबकी भागीदारी तय करते हुए अभियान को गति दी है। नोडल अधिकारी नियुक्त किए  गए हैं।

आयुष्मान भारत योजना –

यह योजना अपने शुरुआती दिनों के दौरान आर्थिक रुप से कमजोर लोगों की स्वास्थ्य, सुरक्षा को लक्षित करते हुए बनाई गई थी। इसके तहत पांच लाख रुपये तक का  स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है।

योजना लाभ के लिए बढ़ाए आधार सेंटर –

केन्द्रऔर राज्य शासन की अधिकांश योजनाओ में हितग्राहियों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। जिले में लोगों के पास आधार कार्ड होने के बावजद उन्हें नाम स्पेलिंग, जन्म तिथि सहित कई दिक्कतें थी। जिसके चलते सही समय पर योजनाओ के लाभ में शामिल नहीं हो पाते थे। कलेक्टर आलोक सिंह ने इन दिक्कतों को संज्ञान में लेते हुए जिले में आधार सेंटर की संख्या बढ़ाई है। इससे लोगों को काफी मदद मिल रही है।



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