
आदिवासी बाहुल्य धार जिले में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। वाट्सऐप, टेलीग्राम और ओएलएक्स जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के ज़रिए ठग भोले-भाले ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं। लेकिन अब इस बढ़ते साइबर खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है। सात महीनों में पुलिस ने 40 लाख रुपये की ठगी राशि को होल्ड कराकर बड़ी राहत दी है।
साइबर अपराध का बदलता चेहरा
धार में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां लोगों को “आपकी लॉटरी लगी है”, “डिजिटल अरेस्ट”, या फिर “गलत ट्रांजेक्शन” जैसे झूठे मैसेज भेजकर लाखों की ठगी की जा रही है। सबसे अधिक प्रभावित वे लोग हैं जो इंटरनेट और डिजिटल बैंकिंग के उपयोग में नए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 से जून 2025 तक जिले के विभिन्न थानों में साइबर ठगी की 300 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं हैं।
हर थाने में साइबर प्रभारी, 1930 बना राहत की डोर
साइबर अपराध से लड़ने के लिए धार जिले के 23 थानों में साइबर प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इनकी जिम्मेदारी है पीड़ितों की शिकायत दर्ज करना, उन्हें उचित सलाह देना और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करना। आम नागरिक अब साइबर ठगी की शिकायत सीधे राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कर सकते हैं। इस प्रणाली की वजह से अब ठगों द्वारा चुराई गई राशि को तुरंत होल्ड किया जा सकता है।
रकम को कई खातों में तोड़कर भेज रहे हैं ठग
साइबर अपराधियों की एक नई चाल सामने आई है—वे ठगी की रकम को छोटे-छोटे अमाउंट में कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर रहे हैं। इससे अगर कुछ खाते होल्ड हो भी जाएं तो बाकी बचे खातों से रकम निकालना उनके लिए आसान होता है। यही वजह है कि पुलिस समय के साथ अपनी टेक्नोलॉजी और नेटवर्क को अपग्रेड कर रही है।
राहत की खबर: 16 लाख की राशि हुई रिकवर
पुलिस की तत्परता का नतीजा है कि होल्ड की गई 40 लाख रुपये की राशि में से 16 लाख 44 हजार 966 रुपये पीड़ितों को वापस मिल चुके हैं। बाकी मामलों में भी जांच जारी है।
ठगी के प्रमुख तरीके
- फर्जी कॉल व डिजिटल अरेस्ट के नाम पर डराना
- टेलीग्राम टास्क और इनाम दिलाने का झांसा
- OLX पर नकली खरीददार बनकर रकम हड़पना
- बैंक गलती के नाम पर खाता खाली कराना
फैक्ट फाइल:
- जिले में कुल 26 थाने
- 23 थानों में साइबर प्रभारी नियुक्त
- अब तक 300 साइबर ठगी की शिकायतें
- 40 लाख की रकम होल्ड, 16.44 लाख की हुई रिकवरी
- हर महीने औसतन 40 लोग हो रहे ठगी के शिकार