धार कलेक्टोरेट के 32 विभागों में शुरू हुआ ई-ऑफिस: अब नहीं दबेंगी फाइलें, अफसरों की मॉनिटरिंग में रहेगा हर काम


धार जिले के कलेक्टरेट और 32 प्रमुख कार्यालयों में ई-ऑफिस योजना शुरू हो गई है। अब फाइलें डिजिटल होंगी, कामकाज तेज और पारदर्शी होगा। जानिए किस तरह हो रहा है डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

मध्य प्रदेश सरकार की डिजिटल पहल के अंतर्गत धार जिले में ई-ऑफिस व्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक कलेक्टोरेट स्थित 47 कार्यालयों में से 32 विभागों को पूरी तरह ई-ऑफिस सिस्टम में परिवर्तित कर दिया गया है। इन कार्यालयों में कामकाज अब ऑनलाइन हो रहा है, जिससे विभागीय प्रक्रिया पारदर्शी और तेज़ हो गई है।

ई-ऑफिस का प्रभाव: बाबूगिरी पर लगाम

इस व्यवस्था के लागू होते ही वर्षों पुरानी लाल फीताशाही की परंपरा को बड़ा झटका लगा है। अब फाइलें बाबुओं की मेज पर सप्ताहों तक अटकी नहीं रहेंगी, क्योंकि हर दस्तावेज़ और प्रक्रिया डिजिटल लॉगइन के ज़रिए मॉनिटर की जा रही है। अधिकारियों के लॉगइन पैनल में यह तुरंत पता चल जाएगा कि कौन-सी फाइल किस स्तर पर अटकी है।

भू अभिलेख विभाग जैसे प्रमुख कार्यालयों ने ई-ऑफिस के माध्यम से अब तक 65 से अधिक फाइलों को प्रोसेस किया है। इससे यह साफ हो गया है कि प्रक्रिया न केवल तकनीकी रूप से कारगर है, बल्कि व्यावहारिक तौर पर भी सुचारु रूप से कार्य कर रही है।

काम में तेजी और पारदर्शिता

ई-गवर्नेंस के तहत चल रहे इस अभियान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि विभाग अब पेपरलेस हो रहे हैं। नोटशीट, पत्राचार, आदेश और नस्तियां अब डिजिटल रूप में ई-साइन के ज़रिए साझा की जा रही हैं। इससे दस्तावेज़ों के गुम हो जाने की आशंका समाप्त हो गई है। यहाँ तक कि आगजनी या अन्य आपदाओं के दौरान भी रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा क्योंकि सारा डेटा एनआईसी सर्वर पर संरक्षित है।

हर फाइल अब ईमेल से पहुंचेगी अफसरों तक

अब फाइलें क्लर्क से अफसरों तक सीधे ईमेल से जाएंगी और डिजिटल हस्ताक्षर से ही स्वीकृत होकर लौटेंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि पारदर्शिता भी बनी रहेगी। एनआईसी, नई दिल्ली ने इस प्रक्रिया के लिए विशेष पोर्टल तैयार किया है और कर्मचारियों को पूर्व में प्रशिक्षण भी दिया गया है।

इन विभागों में लागू हुआ ई-ऑफिस सिस्टम

ई-ऑफिस प्रक्रिया को जिला कोषालय, ई-गवर्नेस, लोक सेवा केंद्र, सामाजिक न्याय, पशु पालन, श्रम, उद्योग, रोजगार, सहकारिता, उद्यानिकी, आबकारी, महिला एवं बाल विकास, पीआईयू, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति, जनजातीय विभाग, ऊर्जा, आरटीओ, मत्स्य उद्योग, शहरी विकास और अन्य कई विभागों में पूरी तरह लागू किया जा चुका है।

ई-ऑफिस के प्रमुख फायदे:

  • कागजों की बचत और रिकॉर्ड की स्थायित्व

  • कार्यों की समयबद्धता और पारदर्शिता

  • फाइलों की डिजिटल ट्रैकिंग से कामकाज की निगरानी संभव

  • अफसरों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय

  • आगजनी जैसी घटनाओं में भी डेटा सुरक्षित रहेगा

जल्द बाकी विभाग भी होंगे डिजिटल

एनआईसी के नेटवर्क ऑफिसर अंबर जायसवाल के अनुसार, “कलेक्टर साहब के मार्गदर्शन में बाकी विभागों को भी जल्द ही ई-ऑफिस से जोड़ दिया जाएगा।” उन्होंने बताया कि तकनीकी दिक्कतें दूर की जा रही हैं और जून माह के अंत तक सभी 47 विभागों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी।



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