
धार नगर में लंबे समय से चल रहे इमामबाड़ा विवाद ने बीती रात बड़ा मोड़ ले लिया। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे प्रशासन ने बेदखली अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए विवादित इमामबाड़ा को सील कर दिया। इस दौरान कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, तहसीलदार सहित राजस्व विभाग और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। इमामबाड़ा पर अब लोक निर्माण विभाग (PWD) का कब्जा रहेगा और सुरक्षा कारणों से यहां चार कंपनियों का पुलिस बल तैनात किया गया है।
कैसे हुई कार्रवाई?
मंगलवार रात मुस्लिम समाज द्वारा चालीसवे के अवसर पर ताजियों का जुलूस निकाले जाने के बाद प्रशासन ने देर रात इमामबाड़ा को ताजिया कमेटी के अधिपत्य से मुक्त करवा लिया। राजस्व अधिकारियों ने कब्जा लेकर परिसर को सील कर दिया और इसे औपचारिक रूप से पीडब्ल्यूडी के हवाले कर दिया।
इस कार्रवाई के दौरान इंदौर, दतिया, भोपाल से आई पुलिस कंपनियों के अलावा एसटीएफ की टीम भी तैनात रही। शहर में किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने मुख्य मार्गों और संवेदनशील क्षेत्रों पर भी कड़ी निगरानी रखी।
विवाद की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 9 जुलाई को आयोजित हिन्दू पंचायत में इस विषय पर चर्चा हुई थी। पंचायत में शामिल समाजजनों ने चेतावनी दी थी कि यदि प्रशासन बेदखली अधिनियम के तहत कदम नहीं उठाता है तो 31 जुलाई को हिन्दू समाजजन स्वयं तालाबंदी करेंगे। इसी दबाव के बीच प्रशासन ने कार्यवाही तेज कर दी और अब जाकर विवादित स्थल को अपने अधीन ले लिया।
मुस्लिम समाज की प्रतिक्रिया
मुस्लिम समाज के सदर अब्दुल समद ने कहा कि उन्हें इस कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है और आगामी 22 या 23 अगस्त को सुनवाई हो सकती है। उनका कहना है कि प्रशासन ने न्यायालय के आदेश की जानकारी दिए बिना ही कार्यवाही की है।
शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
धार नगर में तनाव की आशंका को देखते हुए झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन और बड़वानी से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। नगर के प्रमुख चौराहों पर वज्र और रुद्र वाहन तैनात हैं। टीयर गैस टीम और क्राइम ब्रांच भी सक्रिय कर दी गई है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाह रखे हुए है ताकि किसी भी तरह की अफवाह न फैल सके।
दीपक जलाकर मनाई खुशी
इमामबाड़ा को सील किए जाने के बाद बुधवार शाम हिंदू समाज के लोगों ने अपने घरों के सामने दीप जलाकर खुशी का इजहार किया। सांस्कृतिक धरोहर रक्षा मंच के संयोजक अंशुल शर्मा ने इसे हिंदू समुदाय की जीत बताया और प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
आगे क्या?
फिलहाल इमामबाड़ा परिसर सील है और पीडब्ल्यूडी के अधीन रहेगा। प्रशासन ने साफ किया है कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी और किसी भी अप्रिय घटना को सख्ती से रोका जाएगा। अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर हैं, जिससे विवाद का अगला अध्याय तय होगा।