
जिलेभर के किसान इन दिनों खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं और उनकी व्यथा न केवल खेतों तक सीमित है बल्कि अब सड़कों पर आ गई है। सोमवार को धार कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा के नेतृत्व में किसानों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जयस संगठन ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मुख्य मांग थी – डीएपी और यूरिया खाद की सुचारु उपलब्धता और कालाबाजारी पर तत्काल रोक।
खाद की कालाबाजारी चरम पर, सरकारी चुप्पी परेशान
विधायक अलावा ने आरोप लगाया कि जिले में डीएपी और यूरिया खाद की किल्लत इतनी बढ़ गई है कि किसानों को बाजार में चार गुना कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा, “266 रुपए की बोरी 500 रुपए या उससे ज्यादा में बेची जा रही है और प्रशासन पूरी तरह से मौन है।”
सोसाइटियों और सरकारी केंद्रों पर खाद उपलब्ध नहीं है, जबकि निजी व्यापारी खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं। प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे किसानों में आक्रोश है।
कलेक्टर की गैरमौजूदगी बनी आक्रोश का कारण
विधायक और किसानों का गुस्सा उस वक्त और भड़क गया जब पूर्व निर्धारित समय के बावजूद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ज्ञापन लेने नहीं पहुंचे। एसडीएम रोशनी पाटीदार और सीएसीपी रविन्द्र वास्कले ज्ञापन लेने पहुंचे लेकिन किसान अड़ गए कि वे सीधे कलेक्टर को ही ज्ञापन सौंपेंगे।
विधायक हीरालाल अलावा ने तीखे शब्दों में कहा —
“कलेक्टर को किसानों की कोई चिंता नहीं। उनकी प्राथमिकता चापलूसों से मिलने की है, जनता से नहीं।”
बाद में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी मौके पर पहुंचे, और किसानों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा।
गुणवत्ताहीन बीज और कृषि संकट
विधायक अलावा ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी सोसाइटियों द्वारा वितरित सोयाबीन बीज गुणवत्ताहीन हैं। कई किसानों के खेतों में बीज उग ही नहीं पाए, जिससे भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने दोषी बीज कंपनियों पर कार्रवाई की मांग की।
संवेदनहीन प्रशासन, आंदोलन की चेतावनी
विधायक ने कहा कि धार जिले में एक सचिव को दो से तीन पंचायतों का प्रभार दिया गया है, जिससे स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई हुई है। सड़क, बिजली और सिंचाई जैसे बुनियादी ढांचे पर भी सरकार का ध्यान नहीं है।
अगर शीघ्र खाद और अन्य समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो कांग्रेस और जयस संगठन मिलकर जिलेभर में बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।