धार जिले में होगी सुपरफूड ब्लूबेरी की खेती | किसानों की आय में होगी वृद्धि


धार जिले में उद्यानिकी विभाग ने सुपरफूड ब्लूबेरी की खेती शुरू करने की पहल की है। मनावर और बदनावर के किसानों को क्लस्टर बनाकर जोड़ा जाएगा। एक एकड़ में खेती से तीन साल बाद 40–50 लाख तक की कमाई संभव।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

धार। अब धार जिले की कृषि सिर्फ पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं रहेगी। उद्यानिकी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने और जिले को नई पहचान दिलाने के लिए ‘सुपरफूड’ ब्लूबेरी की खेती शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए धार, मनावर और बदनावर क्षेत्र के किसानों को क्लस्टर बनाकर जोड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल आने वाले समय में जिले के किसानों के लिए क्रांतिकारी बदलाव साबित होगी।

 

कार्यशाला में किसानों को मिली नई जानकारी

बुधवार को बदनावर विकासखंड के ग्राम रूपाखेड़ा में उद्यानिकी विभाग द्वारा एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें उपसंचालक नीरज साँवलिया, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी महेश वास्केल, नेवा प्लांटेशन एल.एल.पी. (हिमाचल प्रदेश) के ए.जी.एम. डॉ. ललित पाटीदार, नेटाफेम कंपनी के चंद्रभूषण और ई.क्यू. मार्केटिंग इनकॉरपोरेट के भरत भूषण मौजूद रहे। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान भी शामिल हुए और उन्होंने ब्लूबेरी की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

 

ब्लूबेरी क्यों है खास?

उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक नीरज साँवलिया ने बताया कि ब्लूबेरी को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें कई तरह के विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व पाए जाते हैं। अभी तक भारत में यह फल अमेरिका से आयात होता है और बाजार में 1000 रुपये प्रति किलो या उससे अधिक के दाम पर बिकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसान एक एकड़ में ब्लूबेरी की खेती करते हैं, तो शुरुआती तीन साल बाद वे 40 से 50 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।

 

डॉ. ललित पाटीदार ने किसानों को बताया कि ब्लूबेरी की खेती वैज्ञानिक तरीकों से करने पर इसका उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बेहतर रहती है। उन्होंने कहा कि बाजार में इसकी भारी मांग है और भविष्य में इसका उत्पादन किसानों को बड़ी आर्थिक मजबूती देगा।

 

किसानों को मिलेगी तकनीकी सहायता

कार्यशाला में किसानों को बताया गया कि ब्लूबेरी की खेती अपनाने वाले किसानों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जहां उन्हें हर कदम पर तकनीकी सलाह और मार्गदर्शन दिया जाएगा। सिंचाई, उर्वरक और पौधों की देखभाल से जुड़ी जानकारी विशेषज्ञ सीधे किसानों तक पहुंचाएंगे।

 

जिले को मिलेगी नई पहचान

उद्यानिकी विभाग का मानना है कि इस कदम से धार जिले की पहचान सिर्फ पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब जिले का नाम सुपरफूड ब्लूबेरी की खेती के लिए भी लिया जाएगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि जिले को कृषि नवाचार के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी।



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