नगर पालिका द्वारा शहर के विकास की तस्वीर बदलने का दावा बार-बार किया जाता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही सामने आती है। पुराने नगर पालिका भवन का जीर्णोद्धार और उसके साथ ही नया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रोजेक्ट लंबे समय से अधर में लटका हुआ है। चार करोड़ की लागत वाला यह काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि इसके लिए अब तक पांच बार निविदा प्रक्रिया हो चुकी है, मगर एजेंसी तय न होने से परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। अब छठी बार ई-टेंडर बुलाया गया है।
कभी शहर की शान था घंटाघर
पुराना नगर पालिका भवन कभी धार शहर की शान हुआ करता था। भवन के ऊपर बड़ी घड़ी और घंटा लगा था, जिसकी आवाज से लोग समय का अंदाजा लगाया करते थे। लेकिन देखरेख की कमी और उपेक्षा के चलते यह धरोहर जर्जर हो गई। नगर पालिका ने इसे दोबारा संवारने और साथ ही यहां एक आधुनिक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्लान तैयार किया है। योजना के मुताबिक यहां 50 से अधिक दुकानें बनेंगी, जिससे शहर को एक व्यवस्थित बाजार भी मिल सकेगा।
चार करोड़ की लागत, 12 महीने की समयसीमा
नगर पालिका सूत्रों के अनुसार इस परियोजना पर लगभग चार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ई-निविदा 4 सितंबर को जारी की गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार एजेंसी तय हो जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक पूरा प्रोजेक्ट 12 महीने में पूरा होना चाहिए। लेकिन जब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक केवल कागजी योजनाएं ही आगे बढ़ती रहेंगी।

विरान जगह बनी असामाजिक तत्वों का अड्डा
वर्तमान में पुराना नगर पालिका भवन पूरी तरह वीरान पड़ा है। यहां न तो कोई गतिविधि होती है और न ही सफाई पर ध्यान दिया जाता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि इस स्थिति का फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। कभी जो जगह शहर की पहचान थी, अब उपेक्षा और जर्जर हालत का प्रतीक बन गई है।
एसपीडीए ग्राउंड की दुकानों का भी हाल बेहाल
नगर पालिका द्वारा एसपीडीए ग्राउंड पर बने 23 दुकानों का आवंटन भी सालभर से अटका हुआ है। जनवरी में इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिससे करीब 5 करोड़ की आमदनी नगर पालिका को होना थी। लेकिन प्रक्रिया पूरी न होने से ये दुकानें अब तक खाली हैं। नतीजतन दुकानों के सामने घास-फूस और झाड़ियां उग आई हैं और बंद शटर धूल खा रहे हैं।
नगर पालिका की सफाई
इस बारे में नगर पालिका सीएमओ विश्वनाथ सिंह ने कहा कि – “पुरानी नगर पालिका भवन के जीर्णोद्धार और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए ई-टेंडर निकाला गया है। इस बार टेंडर होने की उम्मीद है और अनुबंध होते ही बिना देरी काम शुरू कर दिया जाएगा।”
जनता का सवाल
लोगों का कहना है कि जब नए प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो पा रहे और बनी हुई दुकानें तक आवंटित नहीं हो रही हैं, तो नगर पालिका के विकास के दावे कितने खोखले हैं यह साफ नजर आता है। जनता अब इंतजार कर रही है कि आखिर शहर की धरोहर कब संवर पाएगी और नया बाजार कब हकीकत बनेगा।














