
धार जिले के नागरिकों को आधुनिक परिवहन सुविधा देने का सपना अभी अधूरा है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के तहत शहर में प्रस्तावित नवीन बस स्टैंड का निर्माण दो साल बाद भी अधर में लटका है। 10 मई 2023 को बड़े दावे और भूमिपूजन के साथ इस योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन स्थल पर निर्माण का कार्य आज तक गति नहीं पकड़ सका।
सालभर में पूरा होना था प्रोजेक्ट, दो साल बाद भी कोई ठोस परिणाम नहीं
योजना के तहत 8 हजार वर्ग फीट में नवीन बस स्टैंड बनना था, लेकिन ठेकेदार को दिए गए एक साल की समयसीमा के बावजूद काम अधूरा है। शहर की यातायात व्यवस्था और बस यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह प्रोजेक्ट बेहद अहम था।
यात्री प्रतीक्षालय बना अड़चन
नवीन बस स्टैंड के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा बनी है एमपीआरटीसी (मध्य प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) की पुरानी बिल्डिंग। यह बिल्डिंग 0.3 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित है, जिसे तोड़ने के लिए नगर पालिका द्वारा कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन भोपाल मुख्यालय से आज तक अनुमति नहीं मिली। कुछ दिन पूर्व भी अंतिम स्मरण पत्र भेजा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
400 से अधिक बसें, 30 हजार यात्रियों को रोजाना हो रही परेशानी
धार बस स्टैंड से प्रतिदिन 400 से अधिक बसें विभिन्न जिलों – इंदौर, रतलाम, भोपाल, झाबुआ, उज्जैन – की ओर संचालित होती हैं। यहां से हर रोज करीब 25 से 30 हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन मौजूदा व्यवस्था बेहद असुविधाजनक है। अव्यवस्थित पार्किंग, गंदगी और यात्री सुविधाओं की कमी शहर की छवि को भी प्रभावित कर रही है।
फोरलेन सड़क का काम भी अधर में
बस स्टैंड से जुड़े पाटीदार तिराहे से लेकर 700 मीटर लंबाई तक सड़क चौड़ीकरण का वादा भी कागजों तक सीमित है। योजना के अनुसार दोनों ओर 12-12 मीटर की चौड़ाई वाली फोरलेन सड़क का निर्माण होना था, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान हो सके। लेकिन आज तक जमीन पर कोई काम नहीं हुआ।
क्या कहते हैं जानकार?
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि अगर यात्री प्रतीक्षालय की समस्या जल्द नहीं सुलझाई गई तो यह प्रोजेक्ट और वर्षों लटका रह सकता है। शहर को आधुनिक बस स्टैंड की सख्त ज़रूरत है, लेकिन शासन और प्रशासन की उदासीनता के कारण यह विकास अटका हुआ है।