मानसून से लबालब तालाब, अमृत सरोवर बने किसानों के लिए संजीवनी


धार जिले में मनरेगा के तहत बने 125 अमृत सरोवर तालाब इस बार की बारिश से लबालब हो गए। रबी सीजन में किसानों को सिंचाई और मत्स्य पालन से लाभ मिलेगा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

इस साल हुई जोरदार बारिश ने धार जिले के किसानों के लिए उम्मीदों की नई किरण जगाई है। लंबे समय से पानी की समस्या झेल रहे ग्रामीण इलाकों में अब तालाबों और छोटे-बड़े डैम लबालब भर गए हैं। खास बात यह है कि मनरेगा योजना के तहत जिला पंचायत द्वारा बनाए गए अमृत सरोवर तालाब भी इस बारिश में पूरी तरह छलक उठे हैं। इन तालाबों से आगामी रबी सीजन में गेहूं, चना और अन्य फसलों की सिंचाई आसान होगी।

 

125 अमृत सरोवर बने, 15 पर काम जारी

धार जिले में वर्ष 2022 से अमृत सरोवर योजना पर काम शुरू किया गया था। तीन सालों में यहां 125 तालाब तैयार हो चुके हैं और 15 से अधिक पर काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि एक तालाब की लागत करीब 10 से 15 लाख रुपए आती है। इन तालाबों को ऐसे स्थानों पर बनाया गया है जहां पानी का कोई स्रोत उपलब्ध नहीं था, ताकि वर्षा जल को रोका और सहेजा जा सके।

 

किसानों और ग्रामीणों को दोहरा फायदा

इन तालाबों से एक ओर किसानों को रबी सीजन में पर्याप्त सिंचाई का पानी मिलेगा, वहीं दूसरी ओर तालाबों पर मत्स्य समितियों को जिम्मेदारी सौंपे जाने से ग्रामीणों के लिए रोजगार और अतिरिक्त आय का स्रोत भी तैयार हुआ है। अब किसान जहां गेहूं और चना जैसी फसलें बो पाएंगे, वहीं ग्रामीण मछली पालन से आमदनी कमा सकेंगे।

 

रोजगार के साथ सहभागिता

अमृत सरोवर का निर्माण सिर्फ पानी बचाने तक सीमित नहीं रहा। इसमें ग्रामीण मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिला और स्थानीय लोगों ने भी सक्रिय सहभागिता निभाई। शासन की मंशा साफ थी – वर्षा जल संरक्षण और जनसमुदाय को लाभ। यही कारण है कि इन तालाबों ने इस बार की बारिश में सूखे इलाकों को भी हरियाली और राहत दी।

 

12 ब्लॉकों में फैला नेटवर्क

अमृत सरोवर का निर्माण मुख्य रूप से आदिवासी बहुल्य 12 ब्लॉकों में किया गया है। धार शहर और उसके आसपास पहले से बड़े तालाब मौजूद होने के कारण यहां नए तालाब नहीं बनाए गए। गंधवानी, बाग, नालछा, सरदारपुर, उमरबन और बदनावर जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा तालाब खोदे गए हैं। इनमें से अधिकांश इस बार की बारिश में पूरी तरह भर चुके हैं।

आगे का असर

धार जिले में इस साल की अच्छी बारिश और भरे हुए तालाबों ने किसानों की चिंताओं को काफी हद तक कम कर दिया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि पानी की उपलब्धता बढ़ने से इस बार रबी सीजन में खेती का रकबा बढ़ेगा और उत्पादन भी बेहतर होगा।

कुल मिलाकर, अमृत सरोवर योजना न केवल पानी बचाने में कारगर साबित हुई है बल्कि ग्रामीणों के लिए रोजगार और आजीविका का भी मजबूत आधार बन रही है।



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