
धार जिले की जोशी कॉलोनी की एक युवती को प्रेम प्रस्ताव ठुकराना इतना महंगा पड़ा कि उसे न सिर्फ बदनाम करने की धमकी मिली, बल्कि उसकी मां तक को जान से मारने की धमकी दी गई। लगातार परेशान किए जाने के बाद पीड़िता ने कोतवाली थाने पहुंचकर आरोपी विनीत जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दोस्ती के बाद प्यार का इज़हार, फिर बढ़ा उत्पीड़न
पीड़िता के अनुसार, वह कुम्हारगड्डा निवासी विनीत जोगी को करीब एक साल से जानती थी। गली में आना-जाना होने के चलते दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और फिर दोस्ती हो गई। कुछ समय बाद विनीत ने युवती से प्रेम का प्रस्ताव रखा, जिसे उसने साफ इनकार कर दिया। इसके बावजूद विनीत लगातार उस पर दबाव डालता रहा और जब युवती ने उससे बातचीत बंद कर दी, तब उसने पीछा करना और धमकियाँ देना शुरू कर दिया।
मां को भी दी जान से मारने की धमकी
पीड़िता ने बताया कि विरोध करने पर आरोपी ने न केवल उसे बल्कि उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी। डर के माहौल में जी रही युवती ने अपनी परेशानी परिजनों को बताई, जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए परिवार कोतवाली पहुंचा।
लालबाग में दी बदनाम करने की धमकी
परेशान होकर युवती कुछ दिनों तक लालबाग इलाके में रिश्तेदार के यहां रहने लगी, लेकिन विनीत वहां भी पहुंच गया। एक दिन उसने युवती के साथ सेल्फी ली और धमकी दी कि वह उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर बदनाम कर देगा। इसके बाद भी उसने पीछा करना नहीं छोड़ा और गालियां देने लगा।
भाई और परिजनों को भी दी धमकी
24 अप्रैल की रात करीब 9 बजे विनीत पीड़िता के घर पहुंचा और उसके बड़े भाई को भी धमकाया। परिजनों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी लगातार डराने-धमकाने की भाषा का इस्तेमाल करता रहा। 12 जुलाई को उसने युवती के घर के सामने सीटी बजाई और अश्लील इशारे किए।
थाने में दर्ज हुआ केस, पॉक्सो एक्ट की धाराएँ लगीं
आखिरकार परेशान होकर पीड़िता ने अपने परिवार के साथ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी समीर पाटीदार ने बताया कि आरोपी विनीत जोगी के खिलाफ छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट की तीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पीड़िता के बयान महिला अधिकारी के समक्ष दर्ज किए गए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पीड़िता का डटकर विरोध और समाज को संदेश
यह मामला एक बार फिर बताता है कि जब कोई महिला स्पष्ट तौर पर ‘ना’ कहती है, तो उस निर्णय का सम्मान किया जाना चाहिए। युवती ने साहस के साथ न सिर्फ उत्पीड़न का सामना किया, बल्कि कानूनी प्रक्रिया अपनाकर आरोपी के खिलाफ कदम भी उठाया।