सूर्यग्रहण के कारण 26 अक्टूबर को मनाया गोवर्धन पूजन

रोशनी का महापर्व दीपावली व गोर्वधन पूजा की धूमधाम। रात तक चलता रहा पूजा का दौर। जमकर हुई आतिशबाजी।

dhar govardhan pooja

धार। कोरोना के दो साल बाद दीपावली पर्व इस बार धूमधाम और उत्साह के साथ लोगों ने मनाया। इसका असर भी बाजार में देखने को मिला। लोगों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से जमकर खरीदी की।

शुभ मुहूर्त में घर-घर महालक्ष्मी पूजन किया गया। इसके बाद जमकर आतिशबाजी का दौर चला। आतिशबाजी के कारण अंधेरे के बावजूद आसमान पटाखों की रोशनी से सराबोर नजर आया। देर रात तक शहर व गाँव में आतिशबाजी का दौर चलता रहा।

आतिशबाजी को लेकर बच्चों और युवाओं में काफी उत्साह था। दीपावली पर्व जिले भर में हर्षोल्लास से मनाया गया। दीपावली पर्व पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। सुबह से ही बाजारों में चहल पहल रही लोग एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते रहे।

दीपावली पर शहर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे और पुलिस का कड़ा पहरा रहा। दीपावली पर्व पर सोमवार को सुबह से ही शहरवासियों में एक उत्साह का माहौल देखा गया। शहरवासी सुबह से ही लक्ष्मीजी के पूजन के लिए अपनी दुकानों, मकानों की सफाई करते देखे गए।

सुबह से ही शहर में ठेले वाले अशोक के पत्ते, माला आदि लेकर खड़े हो गए थे। लोगों ने पत्ते, फूल आदि खरीदकर दुकानों मकानों पर सजाए। लोगों ने अपनी दुकानों, मकानों और ऑफिसों में लक्ष्मी जी का पूजन पूरे विधि-विधान से किया सबसे ज्यादा भीड़ मिठाई, ड्राय फ्रूट, फलों के ठेले पर रही। लोगों ने इनकी खूब खरीददारी की।

इसके अलावा आतिशबाजी बाजार में भी जमकर खरीददारी की और देर रात्रि तक आतिशबाजी की गूंज बाजारों में सुनाई देती रही। वहीं लोग एक दूसरे को बधाई देते हुए भी देखे गए। लोगों ने दीपावली पूजन के चलते दिनभर बाजार में खरीदी का दौर देखने को मिला।

महिलाओं ने महालक्ष्मी के पूजन के लिए फल, मिठाईयां, फूल और गन्ने के साथ धानी की खरीदी की। शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर पूजन सामग्री और फल-फूल की दुकानें सजी हुई थी। सुबह से लेकर शाम तक बाजार में चहल-पहल बनी रही। दिनभर खरीदी का दौर चला।

स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया के जरिये शुरू हुई मुहिम का भी असर देखने को मिला। इस कारण आर्टिफिशयल दीपकों की मांग पूरी तरह बाजार में खत्म हो गई जबकि मिट्टी के दीपक बड़े पैमाने पर बिके।

सूर्यग्रहण के कारण बुधवार को गोवर्धन पूजा –

इधर साल का आखरी सूर्यग्रहण दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को आया है। सूर्यग्रहण के चलते गोवर्धन पूजन दूसरे दिन 26 अक्टूबर को होगा। सूर्यग्रहण का असर पूरे देश में देखने को मिला जबकि धार में शाम 4.22 से शाम 6.23 बजे तक ग्रहण रहा। इस कारण सुबह से ही कोई शुभ काम नहीं हो पाया।

फूलों से सजे घर-द्वार –

दीपावली के पावन पर्व पर लाखों क्विंटल फूलों से घर दरबार सजाए गए। सर्वाधिक बिक्री गेंदा के फूलों की हुई। घर के दरवाजों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लोगों ने गेंदा के फूलों से सजावट कर दीपावली पर्व को सुगंधित कर दिया। फूलों की महक ने दीपावली पर्व पर लोगों के जीवन को महकाया। एसएमएस, फोन से भी एक-दूसरे को बधाई दी।

सूर्यग्रहण का असर, मंदिरों के कपाट सुबह से रहे बंद –

दिवाली के दूसरे दिन यानी मंगलवार को वर्ष 2022 का अंतिम सूर्यग्रहण पड़ा। सूर्यग्रहण काल शाम चार बजकर 22 मिनट से पांच बजकर 41 मिनट तक रहा। सूर्यग्रहण से 12 घंटा पहले यानी सुबह चार बजकर 22 मिनट से सूतक काल शुरू हो गया था।

जिलेभर में मंदिरों के कपाट सुबह से बंद रहे। इस दौरान कोई भी धार्मिक या फिर शुभ कार्य पूर्णतः वर्जित थे। सूर्यग्रहण काल हटने के पश्चात ही मंदिरों को गंगाजल से धोकर शुद्धीकरण किया गया। इसके बाद पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया।

सूतक काल का समय अशुभ –

इस दौरान कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं। ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल का अंत होता है। जिस स्थान पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां पर सूतक काल मान्य होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है। वहीं, चंद्रग्रहण में सूतक काल पांच घंटे पूर्व प्रारंभ माना जाता है। इस दौरान मंदिरों में देवी-देवता के दर्शन वर्जित रहते हैं।

सूर्यग्रहण काल में सूतक काल बुजुर्ग, बच्चों और रोगियों पर मान्य नहीं होता है। वर्ष 1995 के बाद ग्रहण दीपावली के अगले दिन बाद सूर्यग्रहण लग रहा है।

ऐसा संयोग 27 वर्ष बाद बना है। इससे पहले यह संयोग 1995 बना था। इस वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण दीपावली पर्व के ठीक एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को लगा।

First Published on: October 26, 2022 5:13 PM