जमकर बरस रहे बादल, धार जिले के किसानों की खुशी अब चिंता में बदल रही


इंदौर और आसपास के जिलों में भी भारी बारिश, खेतों में पानी भरने का डर


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बीच बनी ट्रफ लाइन गुजरने से जिले में बारिश हो रही है। लगातार दूसरे दिन सुबह से शनिवार तक रुक-रुककर कहीं रिमझिम तो कहीं तेज बारिश हुई। जिले ने लगातार हो रही बारिश से लोगो के चहरे पर खुशी नजर आ रही है वहीं 3 महीने बारिश को होने आए मगर इस तरह की बारिश अभी तक लोगों ने नहीं देखी थी बारिश से आम व किसान सब लोगों के चेहरे पर खुशी दिख रही है वहीं फसलों में एक अलग चमक आ गई है वहीं 12 घंटे से लगातार हो रही बारिश के साथ नदी तालाब लबालब हो गए हैं वही लगातार बारिश के चलते धार व अन्य जगह कालोनीयो जल मगन ह्यो गई हैं।

इनमें कहीं लोगों के घरों में पानी भी चला गया इसके अलावा  शासकीय अस्पतालों में भी पानी से भर गया है।  धार में धारेश्वर मंदिर के गर्भ ग्रह में भी पानी चला गया।  धार जिले के कहि मुख्य मार्ग पर आवाज आवे बंद है। वहीं किसानों का कहना है कि पिछले फसलों के लिए पानी की आवश्यकता थी मगर अभी अगली वैरायटी आ गई है जिनमें नुकसान होने की भी आशंका बनी हुई है। मानसून की औसत 137 मिमी बारिश अब तक हो चुकी है। अब सालाना औसत पूरा करने के लिए चाहिए 250एमएम बारिश की आवश्यक्ता है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी भी लगातार जिला हाई अलर्ट पर है। वही लगातार बारिश होने से प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी मैदान में आ गया है वही जिन गाँवो पानी गया है उनको खाली करा कर सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है।

जिले में भारी बारिश के कारण पुलिस लगातार सक्रिय है।

17 सितंबर तक मध्यम से भारी बारिश के आसार
मौसम विभाग के वैज्ञानिक के अनुसार जिले में अरब सागर से बंगाल की खाड़ी के बीच ट्रफ लाइन गुजरने के कारण जिले में बारिश हो रही है। यह ट्रफ लाइन दक्षिणी-पश्चिमी भाग में केंद्रित है। इसलिए 18 सितंबर तक मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।

 

किसान पहले हुए खुश अब चिंता:
बता दें कि इस साल सावन में बरसात नहीं होने से नदी नाले नही भर पाए थे जो अब लगातार 12 घण्टे से अधिक समय से बारिश में भर रहे हैं। ऐसे में किसान खुश है। वे कहते हैं कि अगर यह बरसात कुछ समय पहले होती तो सोयाबीन की फसल में नुकसान नहीं होता।  एक महीना पानी नहीं गिरने से सोयाबीन की फसल में उत्पादन पर भी काफी फर्क पड़ा है अगर यह पानी अब नहीं गिरता तो आने वाले गेहूं व अन्य फसल के लिए भी किसानों के पास कुछ नहीं होता इससे अब किसानों को आस बंधी है अब अगली फसल भी अपने खेतों में लगा सकेंगे। हालांकि इस बीच नदियों-तालाबों के आसपास के किसानों को खेतों में पानी भरने की भी चिंता सता रही है।

बारिश के कारण मौसम ठंडा हुआ और शुक्रवार रात के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की कमी आई। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ जीएस गाठिये ने बताया अगले 72 घंटों में जिले में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है, इसलिए किसान अपने खेतों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था करें। अपनी पालतू पशुओं को सुरक्षित स्थान पर बांधे नदी-नालों से लगे गांव के किसान सजग रहें।


झमाझम बारिश से अंचल हुआ पानी-पानी:
जिला मुख्यालय के अलावा विकास खंड के संपूर्ण ग्रामीण अंचलों में झमाझम बारिश हो रही है।  शनिवार सुबह से हो रही बारिश के कारण जन जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बीते चौबीस घंटों में धार में 6 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बारिश पीथमपुर में हुई है। पीथमपुर में 9 इंच बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा बदनावर सहित पूरे जिले में बारिश का दौर जारी है।

कॉलोनियों में भरा पानीः  शहर की मायापुरी कॉलोनी, श्रीकृष्णा कॉलोनी में जल भराव हो रहा है। इसके साथ ही एसीपीडीए ग्राउंड के सामने रोड पर भारी जल भराव हुआ है। यही हाल आदर्श सड़क पर शाहिद चौराहा पर भी दिखाई दिए। वहीं नौगांव रोड पर पेड़ गिर जाने के कारण घोड़ा चौपाटी से तोरनोद ब्रिज जाने वाले मार्ग पर यातायात बाधित रहा।

जिले में बारिश के हाल

  •  लगातार बारिश के कारण मान डेम पूरी तरह से भर चुका है। मान डेम खतरे के निशान से सिर्फ ढाई मीटर नीचे है। यदि बारिश का दौर यूं ही चलता रहता है तो शाम तक गेट खोलने की स्थिति बन जाएगी। ऐसे में विभाग ने अभी से निचले इलाकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। यही हाल अन्य डेम के भी है।
  • पर्यटन नगरी मांडू में बारिश के कारण तारापुर घाट में लैंड स्लाइड जैसे हालात बने हैं। पहाड़ का मालवा सड़क पर आ चुका है। इससे यातायात प्रभावित हुआ है। मोरम की बड़ी चट्टानें सड़क पर बिखरी पड़ी है।
  • अमझेरा में स्थित तालाब ओवरफ्लो हो गया। इससे मनावर मांगो मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ है। बड़ी मात्रा में तालाब का पानी सड़क से गुजर रहा है। ऐसे में यातायात को बंद करने की स्थिति बन रही है।
  • लगातार बारिश के कारण नर्मदा नदी से लगे निचले इलाकों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि आबादी क्षेत्र में पहले से अलर्ट जारी होने के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।



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