चटक रंगों वाले वस्त्रों में सजे-संवरे बड़े-बड़े ढोल मांदल और बांसुरी की धुनों पर थिरके आदिवासी


अधिकारियों ने भी लिया भगोरिया का आनंद , मतदान का दिया संदेश


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

अंचल के आदिवासी बहुल जिले धार में रविवार को जिला मुख्यालय पर आदर्श भगोरिया का आयोजन किया गया। जिसमें आदिवासियों के साथ शासकीय अधिकारियों ने भी नृत्य किया, वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर भी लोगों को मतदान करने के लिए जागरूकता का संदेश दिया गया व नाटक के जरिए लोगों को मतदान का महत्व बताया गया।

भगोरिया बाजार वाले दिन मुख्यालय पर आयोजन किया गया, इसमें काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। यहां आसपास अंचल के लोगो द्वारा चटक रंगों वाले वस्त्रों में सजे-संवरे आदिवासी बड़े-बड़े बोल, मांदल और बांसुरी की धुनों पर नाचते-थिरकते रहे। रविवार को हाट बाजार भरता है। मेली में सारा दिन भगोरिया गीत महकते रहे। उल्लास एवं उत्साह से भरे आदिवासी पुरुषों व महिलाओं विशेष कर युवक-युवतियों की टोलियां मौज-मस्ती में डूबी रहीं। मेलों में खान-पान, नाच-गाना और खरीद-फरोख्त का सिलसिला दिनभर चलता रहा।

रंग-बिरंगी वेशभूषा में आदिवासी युक्क-युवतियों के समूह बाजार में आकर्षण का केंद्र बने रहे। इन्होंने झूला-चकरियों के साथ कुल्फी का जमकर आनंद लिया। दो दर्जन से ज्यादा ढोल-मांदलों की थाप माहौल को मादक बना रही थे। कांग्रेस व बीजेपी के नेताओ ने भी स्वागत मंच लगाया, भगोरिया में अपने-अपने दलों के साथ ठोल, मोदल बजाने वाले दलों को पारितोषिक वितरण किया। वहीं इस भगोरिया की विशेष छाप रखने वाले गुड़ की जलेबी पान, भजिये, मिर्ची आदि का भी अच्छा व्यापार रहा। 50 से अधिक ग्राम व फलियों के ग्रामीण उत्साह के साथ हाट में आए थे।

अब आधुनिक हो रहा भगोरिया:   शरीर पर टैटू बनाना, आदिवासी संस्कृति का हिस्सा रहा है, लेकिन पहले जहां अपने नाम और धार्मिक चिह्न बनाए जाते थे, अब डिजाइनर टैटू ने इनकी जगह ले ली है परंपरागत परिधानों के साथ जींस, टीशर्ट और सूट पहनकर ग्रामीण भगोरिया हाट में लोग पहुँचे। पिछले दो-तीन सालों में इसका चलन बढ़ गया है। मालवा-निमाड़ के आदिवासि जिलों मे धार, झाबुआ, खरगोन, आलीराजपुर बड़वानी आदि कई क्षेत्रों के हाट-बाजार मेले का रूप ले लेते हैं और हर तरफ फागुन और प्यार का रंग बिखरा नजर आता है। जीप, छोटे ट्रक, दोपहिया वाहन, बैलगाड़ी पर दूरस्थ गांव के रहने वाले लोग इस हाट में सज-धज के जाते हैं।

कई नौजवान युवक-युवतियां झुंड बनाकर पैदल गाँव से मेला का रुख करके यहा आये। भगोरिया पर्व का बड़े-बूढ़े सभी आनंद लेते हुए दिखाई दिए। इस दौरान ग्रामीणजन ढोल-मांदल एवं बांसूरी बजाते हुए ताड़ी पीते और मस्ती में झूमते हुए आनंद ले रहे थे। भगोरिया के मौके पर निकली गेर  में दोनों प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस ने नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई।



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