मेघनाद घाट से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक चलेगा क्रूज, मध्यप्रदेश जल पर्यटन में नया अध्याय


MP Tourism की नई पहल — धार के मेघनाद घाट से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक 135 किमी जलमार्ग पर क्रूज सेवाओं की शुरुआत; 5 कंपनियों को स्वीकृति और स्थानीय रोजगार की उम्मीद।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

मध्यप्रदेश अब पर्यटन की नई लहर पर सवार होने जा रहा है। नर्मदा नदी के तट पर स्थित मेघनाद घाट (धार जिला) से लेकर गुजरात के केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक जल्द ही एक भव्य क्रूज सेवा शुरू की जाएगी। भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट के दौरान इस ऐतिहासिक परियोजना की औपचारिक शुरुआत हुई। इसी अवसर पर राज्य सरकार ने पांच प्रमुख कंपनियों को ‘लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस’ (स्वीकृति पत्र) सौंपे, जिससे परियोजना के कार्यान्वयन का रास्ता खुल गया है।

 

यह महत्वाकांक्षी योजना लगभग 1000 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार की जाएगी। इसके तहत लग्जरी क्रूज, बजट क्रूज और वाटर टैक्सी जैसी सेवाएं चलाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह कदम प्रदेश के जल पर्यटन (Water Tourism) को एक नया आयाम देगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खोलेगा।

 

पांच कंपनियों को मिली जिम्मेदारी

  • पर्यटन विभाग ने पांच प्रतिष्ठित कंपनियों को अलग-अलग श्रेणियों में संचालन का दायित्व सौंपा है।
  • ईसीएचटी वेंचर (अहमदाबाद) – क्रूज, वाटर टैक्सी और रेस्टोरेंट बोट संचालन
  • केनावलेज मरीन ग्रुप (मुंबई) – लग्जरी क्रूज संचालन
  • जंगल कैंप इंडिया लिमिटेड (नई दिल्ली) और सिएना इंफोटेनमेंट प्रा. लि. (इंदौर) – बजट क्रूज सेवाएं
  • एब्सोल्यूट टेक्नोलॉजीज (बड़ौदा) – बजट क्रूज प्रबंधन

 

इन कंपनियों को छह माह के भीतर काम शुरू करना होगा और बुनियादी सुविधाएं तैयार करनी होंगी। तय समयसीमा में प्रगति न होने पर स्वीकृति रद्द की जा सकेगी।

 

135 किलोमीटर लंबा जलमार्ग

 

यह जलमार्ग धार के मेघनाद घाट से गुजरात के केवड़िया तक लगभग 135 किलोमीटर लंबा होगा। वापसी यात्रा के साथ कुल दूरी 270 किलोमीटर होगी। मार्ग में आलीराजपुर जिले का साकारजा और गुजरात का हापेश्वर प्रमुख पड़ाव होंगे। साकारजा में पर्यटकों के ठहरने के लिए रात्रि विश्राम की सुविधा भी विकसित की जाएगी।

 

स्थानीय संस्कृति और रोजगार पर फोकस

 

परियोजना से ग्राम चंदनखेड़ी और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। राज्य सरकार की योजना है कि स्थानीय जनजातीय समुदायों की कला, नृत्य और खानपान को पर्यटन से जोड़ा जाए, ताकि पर्यटक नर्मदा की सांस्कृतिक समृद्धि का वास्तविक अनुभव कर सकें।

 

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि “पर्यटन केवल सैर-सपाटा नहीं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकता है।” अब तक केवल पोंटून बोट की सुविधा तक सीमित मेघनाद घाट जल्द ही देश का एक प्रमुख क्रूज पर्यटन केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है।



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